नई दिल्ली। केंद्रीय खेल मंत्रालय ने महिला खिलाड़ियों की शिकायतों और समस्याओं को सुलझाने के लिए एक उच्च स्तरीय समिति गठित कर दी है।
केंद्रीय खेल मंत्री विजय गोयल ने शुक्रवार को यहां महिला प्रेस क्लब में महिला संवाददाताओं के साथ बातचीत में यह घोषणा की। गोयल ने गत आठ मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर घोषणा की थी कि इस तरह की समिति गठित की जाएगी।
गोयल की इस घोषणा के अनुसार खेल मंत्रालय ने यह उच्च स्तरीय समिति गठित की है जिसमें मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी, वरिष्ठ खेल पत्रकारों और महिला खिलाड़ियों के लिए वकीलों को रखा गया है, जो उनकी शिकायतों और समस्याओं पर गौर करेंगे।
इस समिति में अतिरिक्त सचिव किरन सोनी गुप्ता को चेयरपर्सन बनाया गया है। इसके सदस्यों में दिल्ली सरकार में उपनिदेशक (खेल), आशा अग्रवाल, पूर्व मैराथन धाविका सुनीता गोदारा, खेल पत्रकार एमआर मिश्रा और दिल्ली उच्च न्यायालय में वकील मोनिका अरोड़ा को शामिल किया गया है।
यह पूछने पर कि देश के तमाम खेल महासंघों में वरिष्ठ पदों पर महिला अधिकारियों की नियुक्ति कब तक हो पाएगी? गोयल ने कहा 'हम खेल विधेयक में जो नए संशोधन करने जा रहे हैं, उसके बाद अब देखेंगे कि खेल फेडरेशनों में महिला अधिकारियों को शीर्ष पदों पर रखा जाएगा।'
खेल मंत्री ने पैरा तैराक कंचनमाला पांडे प्रकरण के बारे में पूछे जाने पर कहा कि भारतीय पैरालंपिक समिति (पीसीआई) से रिपोर्ट मांगी गई है, जो वह 10 दिनों में देंगे। रिपोर्ट मिलने के बाद ही हम देखेंगे कि वहां असल में क्या हुआ था और उसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
एक महिला पत्रकार के खेलों में राजनीतिक हस्तक्षेप और फेडरेशनों के शीर्ष पदों पर बैठे राजनेताओं के औचित्य के सवाल पर गोयल ने कहा 'मुझे नहीं लगता कि इस बात में कोई बुराई है। इनके अलग ही फायदे हैं। यह तो फेडरेशनों को तय करना होता है कि वे किसे चुनें।'
महिला प्रेस क्लब की अध्यक्ष शोभना जैन के लड़कियों के लिए अलग से खेल मैदानों के सवाल पर खेल मंत्री ने कहा कि खेल मैदानों की कोशिश की जा रही है लेकिन सभी जगह खेल मैदान मिलना संभव नहीं है। जहां भी जमीन हैं वहां प्रयास किए जा रहे हैं कि खेल मैदान बनाए जाएं और सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं। (वार्ता)