चेन्नई। ऐसे समय में जब कोविड-19 महामारी के चलते दुनिया भर में खेल गतिविधियां ठप पड़ी हैं, तो शतरंज एक ऐसा खेल है जो ‘टेक्नालॉजी’ की बदौलत आयोजित हो रहा है और ऑनलाइन टूर्नामेंट ने खिलाड़ियों को व्यस्त रखा हुआ है। कोरोना वायरस के कारण लगे लॉकडाउन के दौरान ऑनलाइन शतरंज टूर्नामेंट की संख्या में बढ़ोतरी हुई है।
हाल में ऑनलाइन नेशन्स कप के बाद फिडे (विश्व शतरंज महासंघ) अध्यक्ष अर्काडे दवोरकोविच ने कहा कि शतरंज टूर्नामेंट ऑनलाइन खेले जा रहे हैं जिससे इस खेल को मदद मिलेगी। शीर्ष खिलाड़ियों ने नियमित रूप से प्रतियोगिताओं में हिस्सा लिया जबकि उदीयमान खिलाड़ियों के लिए यह अच्छा मौका था। कुछ खिलाड़ियों ने तो कोविड-19 महामारी के खिलाफ लड़ाई के लिए कोष भी इकट्ठा किया।
कई भारतीय ग्रैंडमास्टर खिलाड़ियों ने कहा कि ऑनलाइन टूर्नामेंट ने उन्हें व्यस्त रखा। ग्रैंडमास्टर बी अधिबान और महिला ग्रैंडमास्टर डी हरिका ने कहा कि ऑनलाइन शतरंज लॉकडाउन के दौरान काफी मददगार थे क्योंकि इससे वे खेल से संपर्क में रहने में सफल रहे। अधिबान ने कहा, ‘मुझे ऑनलाइन शतरंज खेलना पसंद है क्योंकि मैं इससे काफी रिलैक्स महसूस करता हूं और आप इसमें काफी तेज हो सकते हो।’ हरिका ने कहा, ‘जब आप लॉकडाउन में हो तो ऐसे समय में यह काफी अच्छा है।’
उन्होंने कहा, ‘वेबसाइट/मंच ने तकनीकी पहलुओं का ध्यान रखा। इसलिए जोड़ियों, नतीजों और तालिका में स्थान में कोई चूक नहीं होती। अंपायर की जरूरत भी नहीं होती। लेकिन चुनौती सही मैच सुनिश्चित करने और यह देखने की थी, कोई धोखाधड़ी नहीं हो। नकद पुरस्कार राशि वाले टूर्नामेंट में कम्प्यूटर धोखाधड़ी से बचने के लिए ‘चेकिंग’ करनी पड़ी।’ (भाषा)