विश्व रैंकिंग में 35 वें स्थान पर काबिज जी साथियान ने इसके बाद पांग को 12-10, 7-11 , 11-7, 11-4 से हराकर मुकाबले में भारत की वापसी कराई। हरमीत देसाई ने इसके बाद तीसरे एकल मुकाबले में चीयू को 11-8, 11-5, 11-6 से हराकर शरत की हार का बदला लेने के साथ भारत को मुकाबले में स्वर्ण पदक दिला दी।