विश्व शतरंज चैंपियन डी गुकेश का सोमवार को यहां हवाई अड्डे पर सैकड़ों उत्सुक प्रशंसकों, तमिलनाडु सरकार और राष्ट्रीय महासंघ के अधिकारियों ने जोरदार स्वागत किया।अठारह वर्षीय गुकेश ने पिछले सप्ताह सिंगापुर में चीन के डिंग लिरेन को 7.5-6.5 से हराकर सबसे कम उम्र के विश्व चैंपियन बनने का गौरव हासिल किया और रूस के गैरी कास्परोव के लंबे समय से चले आ रहे रिकॉर्ड को तोड़ दिया। कास्परोव 1985 में 22 साल की उम्र में विश्व चैंपियन बने थे।
स्वदेश लौटने पर गुकेश ने उनका समर्थन करने के लिए सभी का धन्यवाद किया।मीडिया और प्रशंसकों के बीच इस युवा खिलाड़ी को करीब से देखने के लिए लगी होड़ के बीच गुकेश ने कहा, यह शानदार है। आपके समर्थन ने मुझे बहुत ऊर्जा दी। विश्व चैंपियनशिप जीतना एक शानदार अहसास है।
VIDEO | World chess champion D Gukesh (@DGukesh) arrives at #Chennai airport to a rousing welcome.
Gukesh became the youngest world chess champion at the age of 18 years. He defeated title-holder Ding Liren of China in the 14th and last game of a roller-coaster showdown that… pic.twitter.com/OaemAYTtuf
उन्होंने कहा, भारत में ट्रॉफी वापस लाना बहुत मायने रखता है। इस स्वागत के लिए धन्यवाद। मुझे उम्मीद है कि अगले कुछ दिनों में हम साथ मिलकर जश्न मनाकर अच्छा समय बिताएंगे।
कामराज हवाई अड्डे पर पहुंचने के बाद तमिलनाडु के खेल विकास प्राधिकरण और उनके स्कूल वेलाम्मल विद्यालय के कर्मचारियों ने उन्हें हवाई अड्डे के लाउंज में शॉल ओढ़ाने से पहले गुलदस्ता देकर स्वागत किया। गुकेश ने अपनी शतरंज की यात्रा वेलाम्मल स्कूल से शुरू की थी।
प्रशंसकों का अभिवादन करने के बाद गुकेश फूलों और अपनी तस्वीर से सजी कार पर अपने घर के लिए रवाना हो गए। वह अपने माता-पिता, रिश्तेदारों और दोस्तों के साथ जश्न मनाने के लिए घर लौटने से पहले मोगाप्येर के वेलाम्मल स्कूल में मीडिया से बात करेंगे। गुकेश के पिता ईएनटी सर्जन डॉ. रजनीकांत पूरी प्रतियोगिता के दौरान उनके साथ थे जबकि उनकी मां माइक्रोबायोलॉजिस्ट पद्मावती अंतिम दौर के बाद सिंगापुर में उनके साथ शामिल हुईं।
मंगलवार को उनका वल्लाहजाह रोड स्थित कलैवनार आरंगम में भव्य स्वागत किया जाएगा और उन्हें विशेष रूप से आयोजित परेड के जरिए इस प्रतिष्ठित ऑडिटोरियम में ले जाया जाएगा।
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के गुकेश को पांच करोड़ रुपये का चेक प्रदान करने के लिए समारोह के दौरान मौजूद रहने की उम्मीद है।
गुकेश की ऐतिहासिक जीत के तुरंत बाद स्टालिन ने एक्स पर लिखा था, सबसे कम उम्र के विश्व शतरंज चैंपियन गुकेश की शानदार उपलब्धि का सम्मान करने के लिए मुझे पांच करोड़ रुपये के नकद पुरस्कार की घोषणा करते हुए खुशी हो रही है! उनकी ऐतिहासिक जीत ने देश को बहुत गर्व और खुशी दी है। वह भविष्य में चमकते रहें और अधिक से अधिक ऊंचाइयों को छूएं।
महान विश्वनाथन आनंद के बाद गुकेश विश्व खिताब जीतने वाले केवल दूसरे भारतीय हैं। आनंद ने यहां अपनी अकादमी में इस किशोर के खेल को निखारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
गुकेश के लिए मौजूदा साल शानदार रहा जिसकी शुरुआत टोरंटो में कैंडिडेट्स टूर्नामेंट में जीत से हुई जिसने उन्हें विश्व खिताब के लिए सबसे कम उम्र का चैलेंजर बना दिया।
बाद में गुकेश ने बुडापेस्ट में शतरंज ओलंपियाड में भारत के पहले स्वर्ण पदक जीतने के अभियान का नेतृत्व किया। विश्व चैंपियनशिप जीतने के लिए गुकेश को 13 लाख डॉलर (लगभग 11.03 करोड़ रुपये) का नकद पुरस्कार भी मिला। (भाषा)