इसके साथ ही दीपक का विश्व प्रतियोगिता के इतिहास में भारत को दूसरा स्वर्ण पदक दिलाने का सपना टूट गया। उन्होंने अपनी स्पर्धा में भारत को टोकियो ओलंपिक 2020 का कोटा दिला दिया था और उन्हें फाइनल में ईरान के हसन आलियाजाम याजदानीचराती से भिड़ना था लेकिन उन्होंने फाइनल से कुछ घंटे पहले चोट के कारण मुकाबले से हटने का फैसला किया।
दीपक इस तरह स्वर्ण से वंचित रह गए और 2010 में लीजेंड पहलवान सुशील कुमार की स्वर्णिम सफलता का इतिहास नहीं दोहरा सके। जूनियर विश्व चैंपियनशिप में देश को 18 साल बाद स्वर्ण पदक दिलाने वाले दीपक सीनियर चैंपियनशिप में भारत को 9 साल बाद स्वर्ण पदक दिलाने के करीब पहुंचकर भी दूर रह गए। विश्व कुश्ती प्रतियोगिता में भारत का एकमात्र स्वर्ण पदक सुशील ने 2010 में जीता था।