याचिकाकर्ता श्रीकांत प्रसाद ने निचली अदालत के फैसले से पहले ही आरोपी (सुशील कुमार) को दोषी घाेषित करने से मीडिया को रोकने की अपील की।याचिकाकर्ता ने अदालत से अनुरोध किया कि मामले में आरोपी के निजता के अधिकार का हनन कर मीडिया को प्रत्येक सूचना पहुंचाने वाले लोगों को सामने लाने के लिए एक उच्च स्तरीय समिति गठित की जाए। याचिकाकर्ता ने कहा कि आरोपी के करियर को समाप्त करने के इरादे से मीडिया को प्रत्येक सूचनाएं पहुंचाई जा रही है।
मामले में न्यायमूर्ति डीएन पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की खंडपीठ ने कहा, “हमें इस याचिका पर सुनवाई का कोई कारण नहीं दिखता, अगर कोई पक्ष व्यथित है तो वह अदालत जाकर अपनी समस्याएं उठा सकता है। इस मामले को जनहित याचिका में नहीं उठाया जा सकता।”
सुशील कुमार,डबल ओलंपिक मेडल विजेता से हत्या के आरोपी
सुशील कुमार ने पहलवान बनने की प्रेरणा उनके पिताजी से ली थी जो खुद एक पहलवान हैं। दिल्ली में जन्में 38 वर्षीय पहलवान सुशील कुमार ने बीजिंग ओलंपिक्स 2008 में 66 किलोग्राम वर्ग में कांस्य पदक जीता था। 1952 के बाद दूसरी बार उन्होंने भारत को कुश्ती में पदक जितवाया।
सुशील कुमार ने अपने प्रदर्शन को सुधारते हुए लंदन ओलंपिक 2012 में इस ही वर्ग में रजत पदक जीता। इस जीत के साथ वह आजादी के बाद ओलंपिक में दो बार मेडल जीतने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी बने।दिल्ली (2010), ग्लास्गो (2014), गोल्डकोस्ट (2018) के कॉमनवेल्थ गेम्स में उन्होंने 66 और 74 किलो ग्राम वर्ग में गोल्ड मेडल्स जीते। सुशील कुमार को अर्जुन अवार्ड, राजीव गांधी खेल पुरुस्कार और पद्म श्री से सम्मानित किया जा चुका है।सुशील कुमार की लोकप्रियता युवाओं में बढ़ी और वह युवाओं में लोकप्रिय रियाल्टी शो रोडीज में जज के तौर पर भी दिखे।(वार्ता)