मेराडोना महान या मैसी? फिर छिड़ी बहस

रविवार, 5 जुलाई 2015 (17:23 IST)
सैंटियागो। अर्जेंटीना की कोपा अमेरिका फाइनल में चिली के हाथों पेनल्टी शूटआउट में हार से फिर से यह बहस छिड़ गई है कि डिएगो मेराडोना महान हैं या लियोनेल मैसी?
मैसी ने अब तक अर्जेंटीना को एक भी खिताब नहीं दिलाया। 1 साल पहले उनकी अगुवाई में टीम ब्राजील में खेले गए विश्व कप के फाइनल में जर्मनी से हार गई थी और अब कोपा अमेरिका में उनकी टीम को मुंह की खानी पड़ी।
 
मैसी का क्लब स्तर पर बार्सिलोना की तरफ से शानदार रिकॉर्ड रहा है जिसके कारण कई उन्हें पेले और मेराडोना की बराबरी का फुटबॉलर मानते हैं।
 
लेकिन यदि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपने देश को सम्मान दिलाने की बात आती है तो मैसी अब तक अर्जेंटीना को कोई खिताब नहीं दिला पाए हैं जबकि मेराडोना ने 1986 में अपने दम पर उसे विश्व कप दिलाया था।
 
आंकड़ों के हिसाब से मैसी लगभग हर विभाग में मेराडोना पर भारी पड़ते हैं। उन्होंने अब तक 103 अंतरराष्ट्रीय मैचों में 46 गोल दागे हैं जबकि मेराडोना के नाम पर 91 मैचों में 34 गोल दर्ज हैं। क्लब स्तर पर मैसी ने 482 मैचों में 412 गोल किए हैं जबकि मेराडोना ने 588 मैचों में 312 गोल दागे थे।
 
मैसी ने बार्सिलोना की तरफ से 3 यूरोपीय कप जीते जबकि मेराडोना कभी इस मशहूर ट्रॉफी को अपने नाम के आगे नहीं लिखवा पाए। मैसी को 4 बार विश्व का वर्ष का सर्वश्रेष्ठ फुटबॉलर चुना गया जबकि मेराडोना केवल एक बार यह सम्मान हासिल कर पाए। 
 
मेराडोना ने मैक्सिको में खेले गए विश्व कप में अपने दम पर अर्जेंटीना को चैंपियन बना दिया था। उन्होंने एकल प्रयास से अपनी टीम को इंग्लैंड और बेल्जियम पर जीत दिलाई थी। यहां तक कि फाइनल में भी निर्णायक गोल के लिए उन्होंने ही पास दिया था। मैसी ऐसा जादू बिखेरने में नाकाम रहे।
 
पिछले साल के विश्व कप फाइनल और कोपा अमेरिका फाइनल में उन्होंने गोंजालेज हिगुएन के लिए मौके बनाए लेकिन दोनों अवसरों पर यह स्ट्राइकर उनका फायदा नहीं उठा पाया था।
 
यदि इन दोनों मौकों पर गोल हो जाते तो अर्जेंटीना को हार के बजाय जीत मिलती और फिर मैसी को मेराडोना और पेले की श्रेणी में रखने में किसी को संदेह नहीं होता। (भाषा)

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