भारतीय मुक्केबाजी संघ के एक अधिकारी ने कहा, ‘सुमित को मामले में क्लीनचिट मिल गई है और उन पर लगा प्रतिबंध हटा दिया गया। उन्होंने नाडा पैनल को आश्वस्त किया कि उनके नमूने जो प्रतिबंधित पदार्थ मिला था उन्होंने अनजाने में उसका सेवन किया था।’
सांगवान को दिसंबर 2019 में प्रतिबंधित पदार्थ सेवन करने के मामले में दोषी पाया गया था। सांगवान ने कहा, ‘मैं राहत महसूस कर रहा हूं। मेरे कंधे से बड़ा बोझ हट गया। मुझे पता था कि मैं गलत नहीं था। मुझे खुशी है कि मैं यह साबित कर पाया।’
सांगवान ने हालांकि पहले भी कहा था कि उन्होंने आंख के संक्रमण के लिए चिकित्सक की सलाह पर दवा ली थी। निलंबन के कारण हालांकि लंदन ओलंपिक में देश का प्रतिनिधित्व करने वाला यह मुक्केबाज 2020 टोक्यो ओलंपिक क्वालीफायर ट्रायल में भाग नहीं ले सका था। सांगवान का नमूना 10 अक्टूबर को लिया गया था जिसमें डायूरेटिक्स और ‘मास्किंग एजेंट’ के अंश पाए गए थे।