इथोपिया की टीम सोमवार को स्वदेश लौटी है लेकिन उस दौरान लिलेसा मौजूद नहीं थे। उन्होंने मैराथन में रजत पदक जीता था। इथोपिया ने कुल 8 पदक रियो में जीते हैं। इथोपियाई खेल अधिकारियों ने भी सभी पदक विजेताओं को बधाई दी थी लेकिन उनमें लिलेसा का नाम नहीं लिया। इसके बाद माना जा रहा था कि स्वदेश लौटने पर उनके खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है।
गौरतलब है कि रियो खेलों के आखिरी दिन पुरुषों की मैराथन में लिलेसा ने फिनिश लाइन पार करते समय हाथों को बांधकर अपने देश में हो रहे राजनीतिक दबाव के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया था। वे केन्या के एलियुड किपचोगे के बाद दूसरे नंबर पर रहे थे। इसके बाद पदक वितरण समारोह में भी लिलेसा ने ऐसे ही हाथ बांधकर विरोध किया था और पत्रकारों से भी कहा था कि उन्हें अपने देश वापस जाने में डर लगने लगा है।
खबरों में बताया गया था कि 26 वर्षीय लिलेसा को उनके इस व्यवहार के लिए सजा मिल सकती है, वहीं ऐसी भी खबरें आई थीं कि लिलेसा ने अमेरिका से राजनीतिक शरण की मांग की थी। इस बीच लिलेसा के एजेंट ने कहा है कि धावक को अपने देश लौटने में डर महसूस हो रहा है और वे अभी वापस नहीं लौटना चाहते हैं। (वार्ता)