जर्मनी 10 बार इस टूर्नामेंट में उतर चुका है लेकिन उसने अब तक खिताब नहीं जीता है, लेकिन वह इस बार ट्रॉफी जीतने के लिए प्रतिबद्ध है। उसकी टीम परिस्थितियों से सामंजस्य बिठाने के लिए पहले ही यहां पहुंच गई थी। पिछले 4 दिन से उसने अभ्यास सत्र के दौरान योग भी किया। जर्मनी के मुख्य कोच क्रिस्टियन वुक ने कहा कि उनकी टीम एक बार में एक ही मैच पर ध्यान देगी और उनकी टीम का पहला लक्ष्य नॉकआउट में जगह बनाना है।
वुक ने कहा कि हमारा पहला लक्ष्य कोस्टारिका, ईरान और गिनी पर जीत दर्ज करके ग्रुप में शीर्ष पर रहते हुए नॉकआउट में जगह बनाना है। हमारे पास जॉन फिएटे आर्प, इलियास अबोचाबाका और डेनिस जास्ट्रजेम्बस्की जैसे अच्छे खिलाड़ी हैं, जो भविष्य में थॉमस मुलेर और टोनी क्रूस की जगह ले सकते हैं। कोस्टारिका की टीम 3 अक्टूबर को गोवा पहुंची और वह यहां पहुंचने वाली आखिरी टीम थी। उसने पिछले 2 दिनों से अलग-अलग मैदान पर अभ्यास किया।
उसकी टीम इस टूर्नामेंट में 10वीं बार उतरेगी। उसका सबसे सफल अभियान 2001 से 2007 के बीच रहा। तब वह प्रत्येक मौके पर नॉकआउट चरण में पहुंची थी। कोस्टारिका ने मध्य अमेरिका क्वालीफाइंग प्रतियोगिता की मेजबानी की थी और उसमें चारों मैच जीते थे। इस तरह से उसने कॉनकाफ अंडर-17 चैंपियनशिप में शानदार फॉर्म के साथ प्रवेश किया था।
उसने ग्रुप चरण में क्यूबा, कनाडा और सूरीनाम को हराकर क्लासिफिकेशन दौर में जगह बनाई। हालांकि उसे बाद में चैंपियन बने मैक्सिको के हाथों 1-6 से करारी हार झेलनी पड़ी थी। कोस्टारिका की टीम पनामा पर 2-1 से जीत से दूसरे स्थान पर रही और इस तरह से उसने भारत के लिए अपना टिकट भी पक्का किया।