प्रतियोगिता के समापन अवसर पर कमिश्नर डॉ. भार्गव ने कहा कि विफलताएं ही सफलता की नींव रखती हैं। खेलों में असफल होने से कभी निराश नहीं होना चाहिए बल्कि सफलता प्राप्त करने के लिए निरंतर प्रयास करते रहना चाहिए। खेल एक ऐसा मंच है जिसके माध्यम से आप जीवन संग्राम में आने वाली चुनौतियों का सामना करने की क्षमता रखते हैं।
उन्होंने कहा कि खेल हमें अनुशासन सिखाता है। खेल को खेल भावना से खेलते हुए अपनी टीम के लिए खेलना चाहिए न कि अपने स्वार्थ के लिए। खेल में हार-जीत महत्वपूर्ण नहीं है। जब खिलाड़ी अपने पूरे सामर्थ्य से खेलता है तो वह कामयाबी के शिखर तक पहुंचता है। उन्होंने कहा कि आत्मविश्वास कायम रखकर खेलने से सफलता जरूर मिलती है।
डॉ. भार्गव ने कहा कि निरंतर कोशिश करते रहने से ही बड़े से बड़े कार्य में सफलता हासिल हो सकती है। इसी तरह खेलों में एक बार असफल हो जाने से निराश नहीं होना चाहिए बल्कि निरतंर कोशिश कर सफलता प्राप्त करने के लिए बेहतर से बेहतर कार्य करते रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि परेशानियों और कठिनाइयों से जूझकर ही कामयाबी प्राप्त की जा सकती है।
उन्होंने खिलाड़ियों को अपने हौसलों एवं अपने आप पर विश्वास रखते हुए आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने विभिन्न उदाहरणों एवं प्रसंगों के माध्यम से खिलाड़ियों को आगे बढ़ने की समझाइश दी। इस अवसर पर अधिकारीगण, समाजसेवी, गणमान्य नागरिक एवं बड़ी संख्या में खिलाड़ी व छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।