उन्होंने कहा, ‘हां, मैं छह दिन पहले कोविड-19 की जांच में पॉजिटिव आया और इस समय मैं हैदराबाद में एक होटल में हूं जिसे राज्य सरकार ने क्वारंटाइन केंद्र में तब्दील किया हुआ है।’ उन्होंने कहा, ‘पिछले दो दिन से मैं अपने स्वास्थ्य में थोड़ा सुधार देख रहा हूं और उम्मीद करता हूं कि जल्द ही जांच में नेगेटिव आऊं और कुछ दिनों में घर वापस चला जाऊं।’
वह कर्नाटक के गुलबर्गा के दौरे के बाद बीमार पड़ गए। उन्होंने कहा, ‘मैं गुलबर्गा गया था, जिसके बाद मुझे बुखार आ गया और मैं बुखार की दवाई ले रहा था। बाद में मेरी छाती का एक्स-रे कराया गया और मुझे बताया गया कि मुझे निमोनिया हो गया है।’ उन्होंने कहा, ‘बाद में, मुझे कोविड-19 परीक्षण कराने की सलाह दी गई। इसका नतीजा पॉजिटिव आया। यह छह दिन पहले ही हुआ।’
हकीम को 2017 में ‘लाइफ टाइम अचीवमेंट’ के लिए ध्यानचंद पुरस्कार से नवाजा गया था। फुटबॉल करियर समाप्त होने के बाद हकीम ने 1989 तक अंतरराष्ट्रीय मैचों में रैफरिंग की जिसमें 1988 एएफसी एशिया कप भी शामिल है। इसके बाद उन्होंने अपने पिता और भारत के महान फुटबॉलर कोच सैयद अब्दुल रहीम के नक्शेकदमों पर चलते हुए कोचिंग करना शुरू किया। वह भारतीय खेल प्राधिकरण के मुख्य प्रोजेक्ट निदेशक भी रहे। (भाषा)