एएमयू के छात्र रह चुके इकबाल ने बातचीत में कहा कि मीडिया में प्रचारित हो रहा है कि उन्होंने एएमयू का नाम बदलने की मांग का समर्थन नहीं किया। मीडिया में उनके नाम से गलत बातें फैलाई जा रही हैं। उन्होंने कहा कि वे इस बात से दुखी हैं कि कुछ राजनीतिक ताकतें एएमयू को सिर्फ इसलिए बदनाम करने की कोशिश कर रही हैं, क्योंकि उसके नाम में मुस्लिम शब्द जुड़ा है।
एएमयू ने दुनिया को हर क्षेत्र में जबर्दस्त उपलब्धियां हासिल करने वाली हस्तियां दी हैं। इकबाल ने कहा कि उन्हें भारत, उसके राष्ट्रीय खेल हॉकी और एएमयू से बेइंतहा मुहब्बत है। आखिर कोई यह कैसे सोच भी सकता है कि मैं महज मुस्लिम शब्द हटा देने से एएमयू की मुसीबतें खत्म हो जाने की बात करूंगा। मैंने भाईचारे और राष्ट्रवाद का सबक इसी एएमयू से सीखा है, जहां कभी हिन्दू और मुस्लिम के भेदभाव की रत्तीभर जगह नहीं रही।
इकबाल ने बताया कि उन्होंने जवाब दिया था कि एएमयू को विवादों में लाने के पीछे पूर्वाग्रह की भावना है। उन्हें दुख है कि एएमयू को लेकर पहले जो सम्मान था, अब उसकी जगह संदेह और असहिष्णुता ने ले ली है। कुछ लोगों ने महज मुस्लिम शब्द जुड़ा होने की वजह से ही एएमयू पर हमलावर होने की आदत पाल ली है। उन्होंने कहा कि उनके इसी बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया है, जिसकी वे निंदा करते हैं।