शंघाई। इंग्लैंड के ग्रामीण इलाके में दूसरे विश्व युद्ध के लिए तैयार किए हवाई अड्डे पर पहली रेस से लेकर इस सप्ताहांत शंघाई के 240 मिलियन डॉलर में तैयार अंतरराष्ट्रीय सर्किट पर होने वाली 1000वीं रेस तक फार्मूला वन ने लंबा रास्ता तय किया है, जिसकी शुरुआत 1950 में हुई थी।
सिल्वरस्टोन में पहली रेस 69 वर्ष पहले आयोजित की गई थी और ब्रिटिश ग्रां.प्री. तब से लेकर अब भी फार्मूला वन का हिस्सा बनी हुई है। उसके अलावा इटालियन ग्रां.प्री. ही ऐसी रेस है, जो हमेशा कैलेंडर का हिस्सा रही।
माइकल शूमाकर के नाम पर सात बार विश्व चैंपियनशिप जीतने का रिकार्ड दर्ज है और यह भी संयोग है कि उन्होंने अपनी अंतिम रेस 2006 में शंघाई में जीती थी। शूमाकर के फेरारी के साथी ब्राजीली रूबेन बारिचेलो के नाम पर सबसे अधिक रेस में भाग लेने का रिकॉर्ड है लेकिन अपने 18 साल के कॅरियर में वह कभी विश्व चैंपियनशिप नहीं बन पाए।