सचिन ने बढ़ाया मान, आमिर ने दिया सम्मान : गीता फोगाट
रविवार, 25 दिसंबर 2016 (18:50 IST)
नई दिल्ली। इन दिनों गीता फोगाट प्रो कुश्ती लीग में उत्तरप्रदेश टीम को चैंपियन बनाने के उद्देश्य से जमकर पसीना बहा रही हैं और उनका मानना है कि हाल ही में रिलीज हुई फिल्म 'दंगल' ने उनके आत्मविश्वास और सम्मान को बढ़ाने का काम किया है।
गीता ने बताया कि पिछले दिनों उन्हें भारत रत्न सचिन तेंदुलकर और बॉलीवुड की हस्ती आमिर खान के साथ फिल्म की खास स्क्रीनिंग में यह फिल्म देखने का मौका मिला जिसे वे अपने लिए सबसे बड़े सम्मान की बात मानती हैं, साथ ही वे यह भी मानती हैं कि इस फिल्म ने उनके और बबीता को पीडब्ल्यूएल में शानदार प्रदर्शन करने के लिए एक टॉनिक का काम किया है। इस लीग ने उनके लिए शुरू से ही प्रोत्साहन का काम किया है।
गीता फोगाट ने कहा कि उन पर बायोपिक बनना और उसे बॉलीवुड और खेल जगत के महान दिग्गजों के साथ देखना उनके परिवार के लिए गर्व की बात है। उन्होंने कहा कि मैं आमिर खान को फिल्म की कामयाबी के लिए शुभकामनाएं देती हूं।
वहीं बबीता फोगट ने कहा कि यह फिल्म देश में कुश्ती कला को बढ़ावा देने और इस खेल को आम जनता के साथ जोड़ने में बेहद मददगार साबित होगी। महावीर फोगट का कहना है कि आमिर ने उनके किरदार को ठीक उसी तरह जीया है, जैसा कि वह अपनी जिंदगी में हैं। उन्हें भरोसा है कि यह फिल्म सफलता के सारे रिकॉर्ड तोड़ देगी।
इस फिल्म के बाद गीता और बबीता को देश में स्टार का दर्जा प्राप्त हो गया है। हर कोई फिल्म में दिखाए गए तथ्यों के बारे में उनसे बात करना चाहता है। इनकी लोकप्रियता का असर प्रो रेसलिंग लीग में उत्तरप्रदेश टीम पर भी पड़ा है, जिससे यह टीम लीग में सबसे ज्यादा चर्चा का विषय बन गई है। इस टीम के प्रमोटर हनी कत्याल ने कहा कि वह गीता और बबीता को अपनी टीम में शामिल करके गर्व का अनुभव कर रहे हैं।
कात्याल ने कहा कि फोगाट परिवार के माध्यम से आमिर खान ने देश में महिलाओं को कुश्ती के क्षेत्र में आने में अहं भूमिका निभाई है। मुझे विश्वास है कि ये दोनों खिलाड़ी प्रो रेसलिंग लीग में उनकी टीम की बहुत बड़ी ताकत साबित होंगे और इनके प्रदर्शन से बाकी के खिलाड़ी भी प्रेरित होकर उनकी टीम को चैंपियन बनाने में अहम भूमिका निभाएंगे।
वर्ष 2010 के राष्ट्रमंडल खेलों में गीता ने स्वर्ण और बबीता ने रजत पदक जीता था। उसके बाद विश्व चैंपियनशिप में पदक जीतकर दोनों स्टार बन गईं जिनमें गीता के नाम देश की पहली महिला ओलंपियन पहलवान होने का रिकॉर्ड भी दर्ज हो गया। बबीता ने इसके बाद राष्ट्रमंडल खेलों भी स्वर्ण जीता और उन्हें भी रियो के लिए क्वॉलीफाई करके ओलंपियन होने का गौरव हासिल हुआ।
लेकिन जिस तरह से साक्षी मलिक ने गीता को पीडब्ल्यूएल सीजन-1 और ओलंपिक क्वॉलीफाइंग टूर्नामेंट में हराया, उससे गीता हाशिए पर चली गई थीं लेकिन अब उनका आत्मविश्वास इस कदर ऊंचा है कि वे अपने शानदार प्रदर्शन से 58 किलो वर्ग में देश की नंबर 1 खिलाड़ी बनना चाहती हैं।
उन्होंने कहा कि पीडब्ल्यूएल में अपने वजन में रियो ओलंपिक की दोनों पदक विजेताओं को हराना उनका पहला लक्ष्य है। उनके वजन में ट्यूनीशिया की मारवा अमरी और साक्षी मलिक हैं। दोनों ने रियो ओलंपिक में कांस्य पदक हासिल किया था। मारवा ओलंपिक में पदक जीतने वाली पहली अफ्रीकी महिला पहलवान हैं जबकि साक्षी कुश्ती में पदक जीतने वाली एकमात्र महिला ओलंपियन हैं।
गीता को इन दोनों के साथ अपने मुकाबले का बेसब्री से इंतजार है। उनका कहना है कि शादी के बाद भी उनका अभ्यास जारी है। उन्हें अपने खेल को निखारने में अपने पति पवन से भी काफी मदद मिल रही है। उन्हें यकीन है कि वे और गीता इस बार यूपी टीम को चैंपियन बनाने में अहम भूमिका निभाएंगे। (वार्ता)