दोनों टीमों के बीच पिछले मुकाबलों में यूरो 2012 सेमीफाइनल में इटली ने 2-1 से जीत दर्ज की थी जबकि मार्च में मैत्री मैच में जर्मनी की टीम ने 4-1 से बाजी मारी थी। जोकिम लोव की विश्व चैंपियन जर्मनी और एंटोनियो कोंटे की इटली ने स्वीकार किया है कि यूरो चैंपियनशिप फाइनल्स में यह उनका अब तक का सबसे कड़ा मुकाबला है।
इटली की टीम अच्छी फॉर्म में है और अंतिम 16 के मुकाबले में गत चैंपियन स्पेन को 2-0 से हराकर टूर्नामेंट से बाहर कर चुकी है। लेकिन इटली की टीम की राह आसान नहीं होगी, क्योंकि यूरो 2016 में अब तक जर्मनी की टीम अजेय है। इटली का मनोबल हालांकि इस बात से बढ़ेगा कि मेजर टूर्नामेंट में जर्मनी की टीम उसे कभी नहीं हरा पाई है।
जर्मनी के मिडफील्डर टोनी क्रूस ने हालांकि कहा कि पिछला रिकॉर्ड कोई मायने नहीं रखता तथा यह मेरे लिए कोई मायने नहीं रखता कि हम बड़े टूर्नामेंट में इटली को कभी पराजित नहीं कर पाए हैं। उन्होंने कहा कि हमने यहां जितनी टीमों का सामना किया उनमें वे सर्वश्रेष्ठ हैं। मैं मैच को लेकर बेताब हूं और काफी आशावान हूं। (भाषा)