3 साल की उम्र से ही शतरंज खेलने लगे थे प्रगाननंदा, बहन भी हैं ग्रैंडमास्टर

मंगलवार, 22 फ़रवरी 2022 (18:07 IST)
चेन्नई:आर प्रगाननंदा ने अपनी बहन के शौक से प्रभावित होकर शतरंज को काफी कम उम्र में ही अपने जीवन का हिस्सा बना लिया और उस उम्र में खेल के गुर सीख लिए जब उनकी उम्र के अधिकतर लड़कों को बच्चा कहा जाता है।

मात्र तीन बरस की उम्र में प्रगाननंदा इस खेल से जुड़ गए थे जबकि उनकी बड़ी बहन वैशाली को इसलिए यह खेल सिखाया गया जिससे कि वह टीवी पर कार्टून देखने में कम समय बिताए। सोलह सात्र के प्रगाननंदा अभी भारतीय शतरंज के भविष्य माने जा रहे हैं।

वर्ष 2016 में मात्र 10 साल और छह महीने की उम्र में जब प्रगु (दोस्त और कोच उन्हें प्यार से इसी नाम से बुलाते हैं) अंतरराष्ट्रीय मास्टर बने तो उन्हें शतरंज में भारत का भविष्य बताया गया। उन्होंने रविवार को अपने करियर की सबसे बड़ी जीत दर्ज करते हुए दुनिया के नंबर एक खिलाड़ी मैग्नस कार्लसन को हराया।

प्रगाननंदा की यह उपलब्धि काफी बड़ी है विशेषकर यह देखते हुए कि वह विश्वनाथन आनंद और पी हरिकृष्णा के बाद सिर्फ तीसरे भारतीय खिलाड़ी हैं जिन्होंने गत विश्व चैंपियन कार्लसन को हराया है।प्रगाननंदा की शतरंज यात्रा उस समय शुरू हुई जब अधिकांश बच्चों को पता भी नहीं होता कि वह जीवन में क्या कर रहे हैं।यही कारण है कि सोशल मीडिया पर भी उनको लगातार बधाई संदेश मिल रहे हैं।
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Congratulations to 16 year old Indian Grand master #Praggnanandhaa for defeating the World Champion, Magnus Carlsen in the #AirthingsMasters rapid chess competition. India is proud of you Champ. Wishing more success in the years to come. @rpragchess - B C Nagesh (@bcnagesh) 22 Feb 2022
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Truly amazing! Congratulations to the Indian Chess prodigy, 16 year old #Praggnanandhaa for defeating World Champion @MagnusCarlsen in the #AirthingsMasters rapid chess competition. The whole nation is proud of you. Wish you more success in the future. #ChessChamps @rpragchess (@kgopaliahbjp) 21 Feb 2022
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Congratulations to our 16-year-old Indian Grandmaster #Praggnanandhaa for defeating the #WorldChampion, Magnus Carlsen in the eighth round of the #AirthingsMasters rapid chess competition. Bright future ahead for Indian Chess. Wishing him more success in the years to come. #Chess - Harshavardhan Muppavarapu (@HarshavardhanMuppavarapu) 21 Feb 2022
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#India: Indian #Chess wizard Rameshbabu #Praggnanandhaa defeats #WorldChampion #MagnusCarlsen at Airthings Masters with stunning moves. #Astonishing victory! - Nation First (@NationFirst_2902) 22 Feb 2022
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What a proud moment for India  Heartiest congratulations to the 16 yr old Grandmaster @rpragchess  as he wins against World No.1 @MagnusCarlsen at the #AirthingsMastersTournament. He becomes the 3rd Indian to accomplish this feat Stupendous #Praggnanandhaa #Chesschampion - Shahid Sayeed -  (@theshahidsayeed) 22 Feb 2022
पोलियो ग्रस्त हैं पिता रमेशबाबू

बैंक में काम करने वाले पोलियो से ग्रसित पिता रमेशबाबू और मां नागलक्ष्मी चिंतित थे कि वैशाली टीवी देखते हुए काफी समय बिता रही है। वैशाली को शतरंज से जोड़ने के पीछे यह कारण था कि उन्हें उनके पसंदीदा कार्टून शो से दूर किया जा सके।किसे पता था कि वैशाली को देखकर प्रगाननंदा की भी रुचि जागेगी और वह इस खेल में अपना नाम बनाएंगे।

रमेशबाबू ने याद किया, ‘‘हमने वैशाली को शतरंज से जोड़ा जिससे कि उसके टीवी देखने के समय को कम किया जा सके। दोनों बच्चों को यह खेल पसंद आया और इसे जारी रखने का फैसला किया।’’उन्होंने कहा, ‘‘हमें खुशी है कि दोनों खेल में सफल रहे हैं। इससे भी महत्वपर्ण यह है कि हमें खुशी है कि वे खेल को खेलने का लुत्फ उठा रहे हैं।’’नागलक्ष्मी टूर्नामेंट के लिए दोनों के साथ जाती हैं और घर पर रहकर उनके मुकाबले भी देखती हैं।

रमेशबाबू ने कहा, ‘‘इसका श्रेय मेरी पत्नी को जाता है जो उनके साथ टूर्नामेंट के लिए जाती है और काफी समर्थन करती है। वे दोनों का काफी ख्याल रखती है।’’

बहन भी हैं महिला ग्रैंडमास्टर

महिला ग्रैंडमास्टर 19 साल की वैशाली ने कहा कि शतरंज में उनकी रुचि एक टूर्नामेंट जीतने के बाद बढ़ी और इसके बाद उनका छोटा भाई भी इस खेल को पसंद करने लगा।उन्होंने कहा, ‘‘जब मैं छह साल के आसपास की थी तो काफी कार्टून देखती थी। मेरे माता पिता चाहते थे कि मैं टेलीविजन से चिपकी नहीं रहूं और उन्होंने मेरा नाम शतरंज और ड्राइंग की क्लास में लिखा दिया।’’

चेन्नई के प्रगाननंदा ने 2018 में प्रतिष्ठित ग्रैंडमास्टर खिताब हासिल किया। वह यह उपलब्धि हासिल करने वाले भारत के सबसे कम उम्र के और उस समय दुनिया में दूसरे सबसे कम उम्र के खिलाड़ी थे। प्रगाननंदा सबसे कम उम्र के ग्रैंडमास्टर की सर्वकालिक सूची में पांचवें स्थान पर हैं।

इसमें कोई हैरानी की बात नहीं है कि भारत के दिग्गज शतरंज खिलाड़ी विश्वनाथन आंनद ने उनका मार्गदर्शन किया।ग्रैंडमास्टर बनने के बाद से प्रगाननंदा ने लगातार प्रगति की लेकिन इसके बाद कोविड-19 महामारी के कारण टूर्नामेंट रुक गए।

स्वयं ग्रैंडमास्टर और प्रगाननंदा के कोच आरबी रमेश का मानना है कि टूर्नामेंट के बीच लंबे ब्रेक से संभवत: उनका आत्मविश्वास प्रभावित हुआ लेकिन एयरथिंग्स मास्टर्स आनलाइन प्रतियोगिता में कार्लसन के खिलाफ जीत से उनका आत्मविश्वास काफी बढ़ा होगा।वैशाली ने बताया कि प्रगाननंदा को क्रिकेट पसंद है और उसे जब भी समय मिलता है तो वह मैच खेलने के लिए जाता है।

शतरंज हालांकि उसका जीवन है और अब तक प्रगाननंदा का सफर शानदार रहा है।प्रगाननंदा आनंद के काफी बड़ा प्रशंसक है और स्वयं विश्व चैंपियन बनने की बात करता है। साथ ही उसे पता है कि ऐसा करने के लिए उसे कितनी कड़ी मेहनत करनी होगी

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