इंग्लिश प्रीमियर लीग जिस दिन शुरू हुई और यूएफा ने चैंपियनस लीग के कार्यक्रम को दोबारा तय करने का फैसला किया उसे दिन प्रशंसकों के समूह ने खुला पत्र लिखते हुए कहा, ‘वास्तविक तकनीक के इस्तेमाल, पूर्व में रिकॉर्ड किए गए नारों और कृत्रिम समर्थन के अन्य रूप मैच में जाने वाले दर्शकों को निराश करते हैं।’
पिछले महीने जब बुंदेसलीगा दोबारा शुरू हुई थी तो जर्मनी के प्रसारणकर्ताओं ने टीवी पर दर्शकों को खाली स्टेडियम से लाइव आवाज या प्रशंसकों की रिकॉर्ड की हुई आवाज के साउंडट्रैक में से एक का विकल्प चुनने की पेशकश की थी। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मैच दिखा रहे टीवी चैनल भी अधिकांश समय कृत्रिम आवाज का विकल्प चुनते हैं और अपने स्थानीय दर्शकों को कोई विकल्प नहीं देते। (भाषा)