विश्व कप हॉकी : कलिंगा के रण में टूटा भारत का 43 साल का सपना

गुरुवार, 13 दिसंबर 2018 (22:41 IST)
भुवनेश्वर। मेजबान भारत का 43 साल के लम्बे अंतराल के बाद हॉकी विश्व खिताब जीतने का सपना गुरुवार को कलिंगा के रण में हॉलैंड के हाथों क्वार्टर फाइनल में 1-2 की हार के साथ टूट गया।
         
भारतीय टीम ने पूल में अपराजेय रहते हुए सीधे क्वार्टर फाइनल में जगह बनाई थी जबकि हॉलैंड की टीम क्रॉस ओवर मैच जीतकर क्वार्टरफाइनल में पहुंची थी। विश्व रैंकिंग में पांचवें नंबर की टीम भारत ने चौथी रैंकिंग के हॉलैंड के खिलाफ 12 वें मिनट में बढ़त बनाई लेकिन हॉलैंड ने 15 वें और 50 वें मिनट में गोल कर जीत अपने नाम की। 
        
भारत की इस हार के बाद कलिंगा स्टेडियम में मौजूद हजारों भारतीय खेल प्रेमियों का दिल टूट गया और भारतीय खिलाड़ी अपने आंसू नहीं रोक सके। हॉलैंड का अब सेमीफाइनल में गत दो बार के चैंपियन और विश्व की नंबर एक टीम ऑस्ट्रेलिया से मुकाबला होगा। 
       
इससे पहले ओलंपिक रजत पदक विजेता और विश्व की तीसरे नंबर की टीम बेल्जियम ने पूर्व चैंपियन जर्मनी की कड़ी चुनौती पर 2-1 से काबू पाते हुए हॉकी विश्वकप टूर्नामेंट के सेमीफाइनल में प्रवेश किया जहां उसका मुकाबला इंग्लैंड से होगा।
 
इस मुकाबले को देखने के लिए ओड़िशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक भी मौजूद थे लेकिन उन्हें भी निराश होना पड़ा। 15 हजार दर्शकों से खचाखच भरे कलिंगा स्टेडियम में भारतीय खिलाड़ियों को भरपूर समर्थन मिल रहा था। भारतीय खिलाड़ियों ने पहला क्वार्टर बेहतरीन खेला लेकिन फिर धीरे-धीरे उनकी गति में कमी आती गई और आखिरी क्वार्टर तो भारतीय प्रदर्शन के लिहाज से निराशाजनक था।
       
भारत को आखिरी क्वार्टर में बराबरी करने के लिए पेनल्टी कॉर्नर मिल गया था लेकिन भारतीयों ने इस मौके को दो प्रयासों के बावजूद गंवा दिया। भारत को मैच में दो और हॉलैंड को पांच पेनल्टी कॉर्नर मिले। मैच आंकड़ों को देखा जाए तो भारत ने हॉलैंड के गोल पर सात शॉट लिए जबकि हॉलैंड ने भारत के गोल पर चार शॉट लिए।
       
हॉलैंड का सर्कल में नियंत्रण भारतीयों के मुकाबले बेहतर था और उसकी रक्षा पंक्ति ने भी भारतीय खिलाड़ियों को रोके रखा। एक गोल से पिछड़ जाने के बाद भारतीयों का तालमेल बिलकुल ही खत्म हो गया और वे अंतिम 10 मिनट में कोई ऐसा हमला नहीं कर सके जिससे उन्हें बराबरी का गोल मिल सके।
        
भारत ने मैच में अच्छी शुरुआत की और 12वें मिनट में ही बढ़त बना ली। आकाशदीप सिंह ने पेनल्टी कॉर्नर पर मिले रिबाउंड पर यह गोल किया। हॉलैंड ने 15वें मिनट में थिएरे ब्रिंकमैन के मैदानी गोल से बराबरी हासिल कर ली। हॉलैंड के लिए 50वें मिनट में मिंक वीर डेन वान डेर ने मैच विजयी गोल दागा।
          
इससे पूर्व क्वार्टर फाइनल मुकाबले में जर्मनी ने बेल्जियम ने 14वें मिनट के गोल से बढ़त बनाई। लेकिन बेल्जियम ने 18वें मिनट में बराबरी हासिल की और 50वें मिनट में मैच विजयी गोल दाग दिया। तेज़ गति से खेला गया यह मुकाबला बेहद रोमांचक रहा और मैच के 50 मिनट तक दोनों ही टीमों के पास जीतने के मौके बने रहे।
          
बेल्जियम ने 50वें मिनट में बढ़त बनाने के बाद उसे अंतिम 10 मिनट तक बरकरार रखा। वर्ष 2002 और 2006 में खिताब जीत चुकी जर्मन टीम आखिरी बार 2010 में सेमीफाइनल में पहुंची थी। लेकिन उसके बाद से उसका सेमीफाइनल में पहुंचने का सपना पूरा नहीं हो पा रहा है।
          
2016 के रियो ओलंपिक में रजत जीतने वाली बेल्जियम की टीम ने पहली बार सेमीफाइनल में जगह बनाई है। एक गोल से पिछड़ने के बाद बेल्जियम ने अपना जज्बा बनाए रखा और जर्मनी को हराकर दम लिया। डाइटर लिनेकोगेल ने 14वें मिनट में मैदानी गोल से जर्मनी को बढ़त दिलाई। बेल्जियम ने इसके चार मिनट बाद ही एलेक्जेंडर हैंडरिक्स के पेनल्टी कॉर्नर पर किए गए गोल से बराबरी हासिल कर ली।
        
आधे समय तक स्कोर 1-1 से बराबर रहा। दोनों टीमों के बीच संघर्ष चलता रहा और तीसरा क्वार्टर बराबरी पर छूटा। मैच के 50वें मिनट में बेल्जियम ने जर्मन गोल पर जोरदार धावा बोला और डिफेंडरों के बचाव के बावजूद मिली गेंद पर टॉम बून ने मौका ताड़ते हुए बेल्जियम के लिए विजई गोल दाग दिया। जर्मनी ने बराबरी पर आने की भरपूर कोशिश की लेकिन बेल्जियम ने अपना किला संभाले रखा। पूर्व भारतीय क्रिकेटर वीरेंद्र सहवाग ने आर्थर वान डोरेन को 'प्लेयर ऑफ द मैच' का पुरस्कार दिया।

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