तीन स्वर्ण पदक के साथ किया भारत ने एशियाई पैरा खेलों का आगाज

सोमवार, 23 अक्टूबर 2023 (13:39 IST)
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Asian Para Games : भारत के प्रणव सूरमा ने हांगझोउ एशियाई पैरा खेलों (Asian Para Games) में एथलेटिक्स प्रतियोगिता के शुरुआती दिन सोमवार को यहां पुरुषों की क्लब थ्रो एफ51 स्पर्धा में स्वर्ण जीता (Pranav Soorma club throw F51) । इस स्पर्धा का रजत और कांस्य पदक भी भारतीय खिलाड़ियों के नाम रहा।
 
 
सूरमा ने 30.01 मीटर के प्रयास के साथ एशियाई पैरा खेलों का नया रिकॉर्ड कायम करते हुए स्वर्ण पदक जीता, जबकि धरमबीर (28.76 मीटर)  Dharambir (28.76m) और अमित कुमार (26.93 मीटर)  Amit Kumar (26.93m) क्रमशः दूसरे और तीसरे स्थान पर रहे।
 
इस स्पर्धा में केवल चार प्रतियोगी थे, जिसमें सऊदी अरब के राधी अली अलार्थी 23.77 मीटर के थ्रो के साथ अंतिम स्थान पर रहे।
 
सूरमा 16 साल की उम्र में दुर्घटना का शिकार हुए थे जिसमें उनकी रीढ़ की हड्डी में चोट लग गई। वह इससे लकवाग्रस्त हो गए। इसके बाद पैरा खेलों में हाथ आजमाने का फैसला किया। 29 साल के इस खिलाड़ी ने 2019 बीजिंग विश्व पैरा एथलेटिक्स ग्रां प्री स्पर्धा में रजत पदक जीता था।
 
एफ51 क्लब थ्रो स्पर्धा उन एथलीटों के लिए है जिनकी कमर के आस-पास, पैर और हाथों की गतिविधि काफी हद तक प्रभावित रहती है। इसमें प्रतियोगी बैठकर प्रतिस्पर्धा करते हैं और कंधों तथा बांह के ताकत पर निर्भर रहते हैं।
 
पुरुषों की ऊंची कूद टी63 श्रेणी (T63 High Jump) में भी भारतीय के तीन खिलाड़ी शीर्ष तीन स्थान पर रहे लेकिन एशियाई पैरालंपिक समिति (एपीसी)  नियमों Asian Paralympic Committee (APC) rules के तहत इस स्पर्धा में केवल स्वर्ण और रजत प्रदान किए गए।
 
इस स्पर्धा में सिर्फ तीन भारतीयों ने ही चुनौती पेश की थी। एपीसी के ‘माइनस वन नियम’ के तहत, शैलेश कुमार (Shailesh Kumar Gold) ने एशियाई पैरा गेम्स में 1.82 मीटर की रिकॉर्ड छलांग के साथ स्वर्ण पदक जीता, जबकि Mariyappan Thangavelu (1.80m)  ने रजत पदक जीता।
एपीसी नियमों के तहत Govindbhai Ramsingbhai Padhiyar (1.78 मीटर) कांस्य नहीं जीत सकते। तीनों पदक जीतने के लिए कम से कम चार एथलीटों का मैदान में होना जरूरी है।
 
थंगावेलु ने 2016 रियो पैरालंपिक में ऊंची कूद टी42 श्रेणी में स्वर्ण पदक और तोक्यो पैरालंपिक में टी63 में रजत पदक जीता था।
 
टी63 वर्ग में एथलीट घुटने के ऊपर एक पैर में विकार के कारण कृत्रिम अंग के साथ प्रतिस्पर्धा करते हैं।
 
 
निषाद कुमार ने पुरुषों की ऊंची कूद टी47 वर्ग में 2.02 मीटर के प्रयास के साथ भारत के लिए दिन का तीसरा स्वर्ण पदक जीता (Nishad Kumar : T47 High Jump) इस स्पर्धा में हमवतन राम पाल ने 1.94 मीटर के प्रयास के साथ कांस्य पदक जीता।
टी47 वर्गीकरण कोहनी या कलाई के नीचे के अंग में विकार वाले खिलाड़ियों के लिए है।
 
मोनू घनगास ने पुरुषों की गोला फेंक एफ11 स्पर्धा में 12.33 मीटर के प्रयास के साथ कांस्य पदक जीता।
 
महिलाओं की कैनो वीएल2 स्पर्धा में प्राची यादव ने 1:03.147 के समय के साथ रजत पदक हासिल किया।  (भाषा)

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