मैच समाप्त होने का जैसे ही हूटर बजा, सभी भारतीय खिलाड़ियों और कोच हरेन्द्र सिंह ने एक दूसरे को बधाई दे दी और पूरा स्टेडियम इस ऐतिहासिक जीत के जश्न से झूम उठा। भारतीय हॉकी को इस ऐतिहासिक लम्हे का लंबे समय से इंतजार था। भारत और बेल्जियम के बीच मुकाबला काफी संघर्षपूर्ण रहा। खिताबी मुकाबले से पहले दोनों ही टीमों ने जबरदस्त प्रदर्शन किया था। भारत ने अपने पूल डी में और बेल्जियम ने पूल बी में सभी तीनों मैच जीते थे।