एशियाई खेलों के इतिहास में यह पहली बार होगा, जब दोनों टीमें कांस्य पदक के मुकाबले में उतरेंगी। इसे किसी विडंबना से कम नहीं कहा जाएगा कि गत चैंपियन भारत ने जिस जापान को ग्रुप मैच में 8-0 से और पूर्व चैंपियन पाकिस्तान ने मलेशिया को 4-1 से हराया था, वही टीमें स्वर्ण पदक का मुकाबला खेलेंगी।
अपनी टीम की हार से बेहद क्षुब्ध हरेन्द्र ने कहा कि हमने बेहद खराब गलतियां कीं और इसकी कीमत चुकाई। हम चीजों को सही तरीके से नहीं रख पाए और भारतीय स्किल दिखाने की कोशिश में अपनी लय खो बैठे। यह भारतीय हॉकी के लिए बड़ा झटका है जिससे अगले ओलंपिक की राह बहुत मुश्किल हो गई है। हमने फाइनल में पहुंचने के आसान मौके गंवाए।