उन्होंने शिकायत की, जब आप उनसे अस्थाई रूप से एक पंखा लगाने के लिए कहोगे तो वे हमसे कहते हैं कि इसके लिए नौ डॉलर देने होंगे। आज सुबह कांस्य पदकधारी पिस्टल निशानेबाज श्वेता चौधरी ने कहा कि एथलीटों को भारतीय खाने के अनुसार भोजन ढूंढने में मुश्किल हो रही है।
उन्होंने शूटिंग रेंज में कहा, उन्होंने एक दिन हमें दाल दी, जो सूप की तरह थी और इसके बाद तो यह भी गायब हो गई। (भाषा)