भारतीय मुक्केबाज निशांत देव का मानना है कि शारीरिक रूप से चुनौतीपूर्ण पेशेवर सर्किट में खेलने से उन्हें सहनशीलता विकसित करने में मदद मिलेगी, जो 2028 लॉस एंजिल्स ओलंपिक के उनके सपनों को पूरा करने में मददगार होगा।पेरिस ओलंपिक के क्वार्टर फाइनल मुकाबले में करीबी हार का सामना करने वाले निशांत इस खेल की ओलंपिक में बने रहने की अनिश्चितता के बीच पेशेवर मुक्केबाजी से जुड़ गये।
एमेच्योर मुक्केबाजी में एक मुकाबला अधिकतम नौ मिनट तक चलता है जिसमें तीन-तीन मिनट के तीन राउंड होते हैं, जबकि पेशेवर मुक्केबाजी में मुकाबले 12 राउंड तक भी चल सकते हैं।
निशांत ने यहां महिला राष्ट्रीय चैंपियनशिप के आखिरी दिन कहा, मेरे लिए पेशेवर मुक्केबाजी में जाने का सबसे बड़ा कारण यह था कि मेरी सहनशक्ति और ताकत कम थी। मैं इसे सुधारने के लिए पेशेवर मुक्केबाजी में शामिल हो गया क्योंकि मैं पेशेवर मुक्केबाजी में ज्यादा राउंड खेलने का आदी हो जाऊं और जब मैं एमेच्योर मुक्केबाजी में वापस आऊं, तो मैं तीन दौर तक आराम से खेल सकूं।
विश्व चैम्पियनशिप(2023) लाइट मिडिल वर्ग (71 किग्रा) के कांस्य पदक विजेता निशांत हाल के वर्षों में भारत के लिए सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाले मुक्केबाजों में से एक रहे हैं।उन्होंने मैचरूम बॉक्सिंग के साथ तीन साल का करार किया है, जो लॉस एंजिल्स ओलंपिक से एक साल पहले समाप्त होग।
ओलंपिक पदक का सपना संजोये निशांत ने कहा, मुक्केबाजी ओलंपिक में बना रहेगा और मेरा अनुबंध ओलंपिक के करीब समाप्त हो रहा है। इसलिए मैं भारत वापस आऊंगा और क्वालीफायर खेलूंगा।
बीएफआई अध्यक्ष अजय सिंह ने भी निशांत की राष्ट्रीय टीम में वापसी के लिए दरवाजा खुला रखा है।सिंह ने कहा, हम ओलंपिक के लिए सर्वश्रेष्ठ मुक्केबाजों का चयन करेंगे, चाहे वह शौकिया हो या पेशेवर। निशांत निश्चित रूप से इस देश के सर्वश्रेष्ठ मुक्केबाजों में से एक है।
निशांत ने दिग्गज मोहम्मद अली और माइक टायसन की तरह विश्व मुक्केबाजी परिषद (डब्ल्यूबीसी) बेल्ट के लिए हरियाणा के इस मुक्केबाज ने कहा, मैं एक विरासत बनाना चाहता हूं। भारत से पेशेवर मुक्केबाजी में कोई विश्व चैंपियन नहीं है। मैं ओलंपिक चैंपियन बनने के बाद बेल्ट के लिए खेलना चाहता हूं और मैं भारत में बेल्ट के लिए लड़ना चाहता हूँ। देश में पेशेवर मुक्केबाजी लाना चाहता हूँ।
निशांत ने मुक्केबाजी में पक्षपात पूर्ण फैसले का जिक्र करते हुए कहा कि उनके खिलाफ इटली में विश्व ओलंपिक क्वालीफायर (अमेरिका के ओमारी जोन्स) और पेरिस ओलंपिक के क्वार्टर फाइनल (मार्को वर्डे) के खिलाफ गलत फैसले दिये गये।
उन्होंने कहा, लोग कहते हैं कि आपने पहला दौरा जीता और तीसरे दौर (वर्डे से) में हार गए। लेकिन मैंने वीडियो को 100,000 बार देखा और मुझे ऐसा नहीं लगा कि मैं हार गया हूं। यहां रेफरी ने पक्षपात था।
इस 24 वर्षीय खिलाड़ी को उम्मीद है कि नयी विश्व शासी संस्था ( विश्व मुक्केबाजी) खेल की स्कोरिंग प्रणाली पर विचार करेगी।उन्होंने कहा, मैंने थाईलैंड में विश्व मुक्केबाजी के अध्यक्ष से बात की। उन्होंने ओमारी के खिलाफ मेरा मुकाबला देखा था। उन्हें भी लगा कि मेरे साथ पक्षपात हुआ है। उन्होंने कहा कि वे जितना संभव हो उतना सुधार करेंगे। मुक्केबाजों के साथ कोई पक्षपात नहीं होगा। जब जीतने वाला मुक्केबाज हार जाता है तो इसे पचाना बहुत मुश्किल होता है। यह सामान्य हार से भी बदतर है।
निशांत ने अमेरिका के एल्टन विगिन्स की चुनौती को ध्वस्त करते हुए शानदार पेशेवर शुरुआत की है। उनका अगला मुकाबला अप्रैल और जून के बीच होने की उम्मीद है। (भाषा)