भारतीय हॉकी टीम ने रचा इतिहास

शुक्रवार, 17 जून 2016 (13:31 IST)
लंदन। एशियाई खेलों की स्वर्ण पदक विजेता भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने पहली बार एफआईएच चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में पहुंचकर इतिहास रच दिया है और उसने अपने लिए कम से कम रजत पदक पक्का कर लिया है।
 
भारतीय टीम को गुरुवार को अपने आखिरी लीग मैच में विश्व चैंपियन ऑस्ट्रेलिया के हाथों कड़े संघर्ष में 2-4 की पराजय का सामना करना पड़ा लेकिन अंतिम लीग मैच में मेजबान ब्रिटेन और बेल्जियम का मुकाबला 3-3 से बराबर रहने पर भारत को खिताबी मुकाबले में प्रवेश मिल गया, जहां एक बार फिर उसके सामने ऑस्ट्रेलिया की चुनौती रहेगी।
 
खिताबी मुकाबला भारतीय समयानुसार शुक्रवार देर रात खेला जाएगा। लीग मैच समाप्त होने के बाद आस्ट्रेलिया 13 अंकों के साथ शीर्ष पर रहा जबकि भारत पांच मैचों में दो जीत, दो हार और एक ड्रॉ के बाद सात अंकों के साथ दूसरे स्थान पर रहा। ओलंपिक चैंपियन जर्मनी ने छह अंक के साथ तीसरा, ब्रिटेन ने छह अंक के साथ चौथा, बेल्जियम ने पांच अंक के साथ पांचवां और कोरिया ने तीन अंक के साथ छठा स्थान हासिल किया।
 
भारतीय टीम 1978 से शुरू हुए इस टूर्नामेंट के इतिहास में पहली बार खिताबी मुकाबले में पहुंची है। भारत का चैंपियंस ट्रॉफी में इससे पहले सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 1982 के टूर्नामेंट में कांस्य पदक जीतना रहा था, जबकि भारत सात अवसरों पर इस टूर्नामेंट में चौथा स्थान हासिल कर चुका है। भुवनेश्वर में हुए पिछले टूर्नामेंट में भी भारत चौथे स्थान पर रहा था, लेकिन इस बार उसका कम से कम रजत पदक पक्का हो गया है।
 
भारतीय टीम के पहली बार फाइनल में पहुंचने पर टीम को हर ओर से शुभकामनाएं मिल रही हैं। टूर्नामेंट से विश्राम दिए गए नियमित कप्तान सरदारसिंह और ड्रैग फ्लिकर रूपिंदर पाल सिंह ने टीम के प्रदर्शन की सराहना की है और उम्मीद जताई है कि आखिरी चुनौती में भारतीय टीम विजेता बनकर निकलेगी। सरदार ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया ने इस टूर्नामेंट में अपनी सर्वश्रेष्ठ टीम उतारी थी और विश्व चैंपियन टीम के खिलाफ ऐसे प्रदर्शन से टीम का रियो ओलंपिक के लिए मनोबल काफी ऊंचा हो जाएगा।
 
स्टार मिडफील्डर ने कहा कि गोलकीपर पीआर श्रीजेश के नेतृत्व वाली इस युवा टीम ने वही काम किया जिसकी उससे उम्मीद थी। इस टीम में साई के साउथ सेंटर में अपने प्रशिक्षण और रणनीतियों को चैंपियंस ट्रॉफी में बेहतर तरीके से अंजाम दिया।
 
सरदार ने साथ ही कहा कि यह पहली बार है जब मैं अपनी टीम को टीवी पर खेलते हुए देख रहा हूं और इससे मुझे हमारी टीम के खेल का आंकलन करने में मदद मिलेगी। मुझे इस बात की बहुत खुशी है कि हर खिलाड़ी ने अपनी जिम्मेदारी को सही ढंग से निभाया। दक्षिण कोरिया के खिलाफ मैच बहुत अहम था और निकिन तिमैया के निर्णायक गोल ने हमें जीत दिलाई। ओलंपिक चैंपियन जर्मनी के खिलाफ भी हमें जीत मिल सकती थी लेकिन ऐसी टीम से ड्रॉ खेलना भी एक मनोबल बढ़ाने वाली बात है।
 
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खिताबी मुकाबले के लिए सरदार ने कहा कि हमें ऑस्ट्रेलिया को शुरुआती  गोल करने से रोकना होगा और मैच के आखिरी मिनट तक अपना दमखम बनाए रखना होगा। सरदार चैंपियंस ट्रॉफी के बाद अपनी टीम के साथ स्पेन के वैलेंशिया में छह देशों के आमंत्रण टूर्नामेंट में जुड़ेंगे।
 
इस बीच ड्रैग फ्लिकर रूपिंदर पाल सिंह ने चैंपियंस ट्रॉफी में युवा खिलाड़ियों के प्रदर्शन की सराहना करते हुए कहा कि मनदीप और हरमनप्रीत ने बड़े मंच पर बड़ा जज्बा दिखाया। कोच की रोटेशन पॉलिसी का मकसद उन्हें उनकी क्षमताओं को परखने के लिए मौका देना था। मुझे लगता है कि उन्होंने काफी अच्छा प्रदर्शन किया। एक डिफेंडर के तौर पर मैं खुश हूं कि हमारी टीम ने डिफेंस में भी काफी अच्छा प्रदर्शन किया है। (वार्ता)

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