चैंपियंस ट्रॉफी में मिला रजत पदक टूर्नामेंट में भारत का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन रहा है। इससे पहले 1982 में भारत ने कांस्य पदक जीता था। कोच ने यहां पहुंचने के बाद कहा, हमारा लक्ष्य चैंपियंस ट्रॉफी में पदक जीतना था जो हमने हासिल कर लिया। अब वह अतीत की बात है। हमें आगे की ओर देखना है और फोकस ओलंपिक पर है।
ओल्टमेंस ने कहा, टीम को इतनी मेहनत के बाद ब्रेक की जरूरत है और इस ब्रेक के बाद हम फिर तैयारी करेंगे। भारत वालेंशिया में छह देशों के टूर्नामेंट में पांचवें स्थान पर रहा। इस टूर्नामेंट में 16 सदस्यीय टीम के ओलंपिक प्रारूप पर खेला गया।
चैंपियंस ट्रॉफी में 'प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट' रहे हरमनप्रीत सिंह ने कहा, मेरे लिए यह सीनियर टीम के साथ खेलने का बड़ा मौका था और मुझे उनसे बहुत कुछ सीखने को मिला। ओलंपिक प्रारूप में खेलना चुनौतीपूर्ण था लेकिन हमने इससे बहुत कुछ सीखा।
चैंपियंस ट्रॉफी में टीम के कप्तान रहे गोलकीपर पीआर श्रीजेश ने कहा, हमें अपनी उपलब्धि पर गर्व है। टीम को मिल रहे तमाम सहयोग के लिए हम शुक्रगुजार हैं। हमारा फोकस अब रियो खेलों पर होगा जिसमें हम उम्दा प्रदर्शन करना चाहेंगे। (भाषा)