सेना के रोअर दुष्यंत 2,000 मीटर के फासले तक अपने प्रतिद्वंद्वियों से काफी आगे था, लेकिन उन्होंने तेज हवाओं और बारिश के कारण इसके बाद लय खो दी और उनकी स्वर्ण पदक की उम्मीदें टूट गईं। वे 7 मिनट 26.57 सेकंड से दो अन्य के बाद तीसरे स्थान पर रहे।
चौहान स्वर्ण पदकधारी लोक क्वान हाई के बाद पहले 500 मीटर की दूरी पर दूसरे स्थान पर चल रहे थे लेकिन अगले 500 मीटर में वह अपने प्रतिद्वंद्वी के बराबरी पर आ गए और उन्होंने उसे पीछे छोड़ दिया जिससे उनका स्वर्ण पदक जीतना तय लग रहा था, लेकिन इसके बाद खराब मौसम ने उनकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया।
भारतीय रोइंग महासंघ के महासचिव एमवी श्रीराम भी चौहान के स्वर्ण से चूकने से निराश थे। उन्होंने कहा कि वह रेस में ज्यादातर समय आगे था और उसे स्वर्ण जीतना चाहिए था। भारत ने 2010 ग्वांग्झू खेलों में रोइंग में एक स्वर्ण, तीन रजत और एक कांस्य जीता था। (भाषा)