भारत ने इस खिताबी जीत से टूर्नामेंट के इतिहास में अपना अपराजेय क्रम 23 मैच पहुंचा दिया है। भारत की जीत में डालिमा छिब्बर, ग्रेस डांगमेई और स्थानापन्न खिलाड़ी अंजू तमांग ने गोल दागे। भारतीय टीम ने पूरे मैच में अपना दबदबा बनाए रखा और नेपाल को वापसी करने का कोई मौका नहीं दिया।
भारतीय महिला टीम ने शुरुआत से ही मेजबान टीम को दबाव में ला दिया, हालांकि भारतीय गोलकीपर अदिति चौहान ने 14वें मिनट में मंजली कुमार के शॉट पर शानदार बचाव किया। इसके 3 मिनट बाद संजू के शक्तिशाली शॉट को नेपाल की गोलकीपर ने बचा लिया।
भारत के लिए सेमीफाइनल में बांग्लादेश के खिलाफ गोल करने की शुरुआत करने वाली डालिमा ने फाइनल में भी भारत का पहला गोल दागा। 26वें मिनट में मिली फ्री किक पर डालिमा का 30 गज की दूरी से लिया गया शक्तिशाली शॉट नेपाली गोलकीपर को छका गया। रतन बाला देवी 6 मिनट बाद भारत की बढ़त को दोगुना कर सकती थी लेकिन उनके शॉट को नेपाली गोलकीपर ने बचा लिया।
मैच के 34वें मिनट में सबित्रा ने हैडर से नेपाल के लिए बराबरी का गोल कर दिया। पहले हॉफ के इंजरी समय में अदिति ने सबित्रा के एक और प्रयास को बचा दिया। दूसरे हॉफ में संजू और रतन बाला ने शानदार तालमेल दिखाते हुए बार-बार नेपाल के बॉक्स में सेंध लगाई और इसका फायदा 63वें मिनट में मिल गया। संजू के पास पर ग्रेस ने भारत का दूसरा गोल दाग दिया।