फीबा ने साथ ही कहा कि जब तक खेल की पारदर्शिता में कोई परेशानी न हो खिलाड़ियों को हिजाब, किप्पाह (यहूदियों की विशेष टोपी) और पगड़ी पहनने की अनुमति होगी। भारतीय बास्केटबॉल संघ ने इसकी जानकारी दी और साथ ही बताया कि फीबा के ये नए नियम खेल में एक अक्टूबर 2017 से प्रभावी होंगे।
बीएफआई ने अपने बयान में कहा कि भारतीय संघ ने फीबा के सामने कुछ संवेदनशील मुद्दे रखे थे। उन्होंने कहा कि फीबा के नए नियमों पर बीएफआई की ओर से भी सहमति जताई गई है ताकि किसी भी धर्म से संबंध रखने वाले खिलाड़ियों को अपनी धार्मिक पहचान को लेकर समझौता न करना पड़े। इस निर्णय के बाद इस्लाम और यहूदी समुदाय के खिलाड़ियों को भी अपनी धार्मिक पहचान को लेकर कोई समझौता नहीं करना पड़ेगा।
बीएफआई के अध्यक्ष के गोविंदराज तथा महासचिव मुखी शर्मा ने फीबा के निर्णय की प्रशंसा की है। मुखी ने कहा खिलाड़ियों को उनके धर्म के आधार पर पगड़ी आदि पहनने की अनुमति देने से उनकी पहचान बनी रहेगी। पुराने निर्णयों से खिलाड़ियों को बहुत परेशानी होती थी। पंजाब के अधिकतर खिलाड़ियों को इस निर्णय से परेशानी उठानी पड़ी है। फीबा का यह निर्णय 2019 बास्केटबॉल विश्वकप से पहले आया है, जिसके लिए वैश्विक संस्था ने अपना ड्रॉ घोषित कर दिया है। (वार्ता)