जब खेल मंत्री विजय गोयल से इस फैसले के बारे पूछा गया तो उन्होंने कहा कि ये एक गंभीर मसला है। मैं इस मामले को देखता हूं। हमें आश्चर्य है कि सुरेश कलमाड़ी और अभय चौटाला को आईओए का आजीवन सदस्य का पद कैसे दिया गया? सुरेश कलमाड़ी के ऊपर भ्रष्टाचार के आरोप हैं। हमारी सरकार गुड गवर्नेंस के लिए है। सरकार से बड़ा कोई नहीं है। हमारी सरकार जो भी कदम ठीक समझेगी वो करेगी। हम आईओए से संबंधित दस्तावेज मंगवाकर आगे काम करेंगे।
उन्होंने कहा कि अभय चौटाला और ललित भनोट के कारण ही अंतर्राष्ट्रीय ओलम्पिक समिति (आईओसी) ने आईओए को निलंबित भी कर दिया था। वह निलंबन तभी हटा था जब इन दोनों को प्रबंधन से हटाया गया था। चेन्नई में हुई आम सभा में यह प्रस्ताव भारतीय ओलिंपिक संघ के संयुक्त सचिव राकेश गुप्ता ने रखा। इस प्रस्तवा को बैठक में मौजूद 150 लोगों ने सर्वसम्मति से पारित कर दिया। सुरेश कलमाड़ी को कॉमनवेल्थ घोटाले में जेल की सजा हुई है। वह इस मामले में नौ महीने की सजा भी काट चुके हैं। चौटाला का भी आईओए में पुराना कार्यकाल विवादों भरा रहा था।