महिला एकल के दूसरे दौर के मुकाबले में सिंधू को चीन की गाओ फांग्जी के खिलाफ हार झेलनी पड़ी। पिछले लगभग एक साल में यह पहला मौका है जब सिंधू किसी टूर्नामेंट से जल्दी बाहर हुई हैं। भारतीय खिलाड़ी को चीन की दुनिया की 14वें नंबर की खिलाड़ी के खिलाफ 55 मिनट में 18-21, 19-21 से हार का सामना करना पड़ा। सिंधू इससे पहले पिछले साल अक्टूबर में डेनमार्क ओपन के पहले दौर में हार गई थी।
दुनिया के पूर्व नंबर एक खिलाड़ी श्रीकांत को हालांकि अधिक पसीना नहीं बहाना पड़ा और वह हांगकांग के वोंग विंग की विन्सेंट के खिलाफ 21-15, 21-14 की जीत के साथ पुरुष क्वार्टर फाइनल में जगह बनाते हुए एशियाई खेलों में मिली हार का बदला चुकता करने में भी सफल रहे। राष्ट्रमंडल खेलों के रजत पदक विजेता सातवें वरीय श्रीकांत अगले दौर में कोरिया के ली डोंग क्युन से भिड़ेंगे।
पुरुष ड्रॉ में हालांकि भारतीयों को हार का सामना करना पड़ा। एचएस प्रणय को जाइंट किलर इंडोनेशिया के एंथोनी सिनिसुका के खिलाफ हार का सामना करना पड़ा। सिंधू के लिए मौजूदा सत्र काफी व्यस्त रहा है। वह पांच फाइनल में पहुंचने में सफल रहीं जिसमें राष्ट्रमंडल खेल, विश्व चैंपियनशिप और एशियाई खेल जैसी तीन बड़ी प्रतियोगिताएं भी शामिल रहीं।
पुरुष युगल में मनु अत्री और बी सुमित रेड्डी की पुरुष युगल जोड़ी को चीन के ही जिटिंग और टेन कियांग की जोड़ी के खिलाफ 18-21, 21-16, 12-21 से हार का सामना करना पड़ा जबकि प्रणव जैरी चोपड़ा और एन सिक्की रेड्डी की मिश्रित युगल जोड़ी को चेन पेंग सून और गोह ल्यू यिंग की मलेशिया की जोड़ी के हाथों 16-21, 16-21 से शिकस्त झेलनी पड़ी। (भाषा)