भारतीय निशानेबाजी के नए स्टार सेना के निशानेबाज जीतू ने कहा, विश्व चैम्पियनशिप के लिए रवाना होने से अब तक पिछले एक महीने में मैंने अपनी मां से बात नहीं की है। उसे अब तक नहीं पता है कि मैंने स्वर्ण पदक जीता है। मैं अब उससे बात करूंगा। वह इतारी (नेपाल) में है।
यह पूछने पर कि मौजूदा एशियाई खेलों में भारत की ओर से पहला पदक और 1994 में हिरोशिमा एशियाई खेलों की 25 मीटर सेंटर फायर पिस्टल में जसपाल राणा के स्वर्ण के बाद पिस्टल स्पर्धा में पहला पदक जीतने के बाद वे कैसा महसूस कर रहे हैं तो जीतू ने कहा, मैं स्वर्ण पदक जीतकर रोमांचित हूं।
जीतू ने कहा, मैं मानसिक रूप से थका हुआ था। मुझे आज की प्रतियोगिता के लिए तैयारी का समय नहीं मिला। इस स्टार निशानेबाज की अगुआई में हालांकि भारतीय टीम 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में कांस्य पदक जीतने में सफल रही।
इस साल अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में सातवें पदक के बारे में पूछने पर जीतू ने कहा, यह सत्र अच्छा रहा, लेकिन मैं आगे बढ़ना चाहता हूं। ओलंपिक (रियो में 2016 में) होने हैं और इसके लिए मैंने कोटा हासिल कर लिया है (50 मीटर में)। (भाषा)