24 वर्षीय श्रीकांत ने कहा, मैं जीतने के इरादे से उतरा था और अब विश्व चैंपियनशिप में भी मेरा यही लक्ष्य रहेगा। यह सबसे बड़ा खिताब है जिसके बारे में मैं सबसे ज्यादा सोचता हूं। मेरे लिए रैंकिंग उतने मायने नहीं रखती है।
एड़ी की चोट के बाद वापसी कर रहे श्रीकांत ने लगातार दो सप्ताह में दो खिताब जीतने पर कहा, पिछले दो सप्ताह मेरे लिए कमाल के रहे हैं। न सिर्फ मेरे लिए बल्कि एचएस प्रणय और बी साई प्रणीत ने भी अच्छा खेल दिखाया है। प्रणय ने भी चोंग वेई और फिर चेन लोंग को हराया जो अहम है।
हालांकि रियो ओलंपिक में श्रीकांत का प्रदर्शन खास नहीं रहा था और वे इसके बाद फ्रैक्चर के कारण तीन महीने तक कोर्ट से बाहर रहे। उन्होंने कहा, चोट के ठीक बाद मैं खुद पर दबाव नहीं डालना चाहता था और पूरी तरह ठीक होने के बाद ही टूर्नामेंट खेलना सही है। मैं अपने नए कोच और राष्ट्रीय कोच गोपीचंद को भी मदद के लिए धन्यवाद करता हूं। (वार्ता)