लक्ष्मणन ने 64.37 मिनट का समय लेकर मात्र 1 सेकंड के बेहद मामूली अंतर से जीत हासिल की। सेना के एमडी यूनुस 64.38 मिनट के समय के साथ दूसरे और सेना के ही मानसिंह 64.40 मिनट का समय लेकर तीसरे स्थान पर रहे। महिला वर्ग में महाराष्ट्र के नासिक की धाविकाओं ने 2 शीर्ष स्थान हासिल किए। मोनिका अथारे ने 1 घंटा 15 मिनट 34 सेकंड का अपना सर्वश्रेष्ठ समय निकालते हुए जीत हासिल की।
पुरुष और महिला दोनों ही वर्गों में पहले और दूसरे स्थान में मात्र 1 सेकंड का फासला देखने को मिला। मोनिका ने आखिरी समय में जबरदस्त फर्राटा लगाते हुए संजीवनी को फिनिश लाइन पर पीछे छोड़ दिया। मोनिका 2014 में दूसरे स्थान पर रही थीं और इस मैराथन में यह उनकी पहली जीत है। लक्ष्मणन, यूनुस और मानसिक तीनों ही आर्मी इंस्टीट्यूट पुणे से हैं और एकसाथ ट्रेनिंग करते हैं।
लक्ष्मणन ने 2013 में भी इतने ही समय के साथ भारतीय विजेता बनने का गौरव हासिल किया था। लक्ष्मणन ने कहा कि उन्होंने भारतीय कोर्स रिकॉर्ड बनाने की कोशिश की थी लेकिन कामयाब नहीं हो सके जबकि यूनुस ने कहा कि उन्हें मात्र 1 सेकंड से दूसरे स्थान पर रहने का दुख है। भारतीय वर्ग में पुरुष और महिला विजेताओं को 3-3 लाख रुपए की पुरस्कार राशि मिली। (वार्ता)