मैराथन से स्टीपलचेस में आना कठिन था : ललिता बाबर

शनिवार, 3 सितम्बर 2016 (22:26 IST)
मुंबई। रियो ओलंपिक में 10वें स्थान पर रही भारत की स्टीपलपेस एथलीट ललिता बाबर ने कहा कि मैराथन से स्टीपलचेस में आना उनके लिए आसान नहीं था।
 
सातारा की रहने वाली बाबर ने कहा, मेरे लिए यह बदलाव काफी कठिन था क्योंकि स्टीपलचेस तकनीकी प्रतिस्पर्धा है और छह महीने के भीतर एशियाई खेलों में पदक जीतना कठिन था। उन्होंने कहा, इसके बावजूद मैंने पदक जीता। सिर्फ तकनीक ही नहीं, बल्कि स्टीपलचेस में दमखम की भी परीक्षा होती है। इसमें दमखम, रफ्तार और तकनीक तीनों चाहिए। 
 
बाबर को यहां भारत के पूर्व तेज गेंदबाज ने वर्ष की सर्वश्रेष्ठ महिला खिलाड़ी का पुरस्कार दिया। ये पुरस्कार मुंबई खेल पत्रकार संघ के स्वर्ण जयंती पुरस्कार समारोह के तहत दिए गए।
 
बाबर ने कहा, इसमें एकाग्रता बहुत जरूरी है। इसके बिना बाधा दौड़ और पानी में कूद पाना संभव नहीं। मेरे लिए यह कठिन था लेकिन मैंने कोशिश की। (भाषा)

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