खेल मंत्री सर्बानंद सोनेवाल ने लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान बताया, ‘यह हमारी गलती थी। यह गलत पहचान के कारण हुआ। जैसे ही गलती का पता चला, हमने मनोज कुमार को अर्जुन पुरस्कार देने का फैसला किया।’ मनोज कुमार ने इस मामले को लेकर दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था।
उन्होंने बताया, ‘अब यह बेहद पारदर्शी चयन प्रक्रिया हो गयी है। विभिन्न मापदंडों के आधार पर चयन समिति विभिन्न खेलों के लिए अर्जुन, राजीव गांधी खेल रत्न, द्रोणाचार्य और ध्यानचंद पुरस्कारों के लिए योग्य खिलाड़ियों को अंक प्रदान करती है।’ (भाषा)