नई दिल्ली। मनप्रीत सिंह को एक जून से जर्मनी में होने वाले तीन राष्ट्रों के आमंत्रण टूर्नामेंट और इसके बाद लंदन में होने वाले पुरुष हॉकी वर्ल्ड लीग सेमीफाइनल के लिए 18 सदस्यीय भारतीय सीनियर पुरुष हॉकी टीम की कमान सौंपी गई है जबकि स्टार गोलकीपर पी आर श्रीजेश चोटिल होने के कारण टीम में शामिल नहीं हैं।
भारतीय टीम जर्मनी के डुसेल्डोर्फ में एक जून से तीन राष्ट्रों के आमंत्रण टूर्नामेंट में खेलने के बाद 15 जून से लंदन में वर्ल्ड लीग सेमीफाइनल खेलेगी। हॉकी इंडिया (एचआई) ने गुरुवार को 18 सदस्यीय भारतीय टीम की घोषणा की। मनप्रीत के नेतृत्व में टीम जर्मनी में मेजबान जर्मन टीम और बेल्जियम के खिलाफ आमंत्रण टूर्नामेंट में दो-दो मैच खेलेगी। इसके बाद वह लंदन रवाना होगी।
वर्ल्ड लीग में भारत को पूल बी में शामिल किया गया है जिसमें कनाडा, हॉलैंड, पाकिस्तान और स्कॉटलैंड की टीमें भी शामिल हैं। भारतीय टीम में मनप्रीत के साथ उपकप्तान की जिम्मेदारी चिंगलेनसाना सिंह कंगजूम को दी गई है। टीम में प्रदीप मोर, कोठाजीत सिंह, रूपिंदरपाल सिंह डिफेंस के मुख्य खिलाड़ी होंगे जबकि हरमनप्रीत और रूपिंदर पर पेनल्टी कार्नर को भुनाने की जिम्मेदारी होगी।
आकाश चिक्ते और विकास दहिया गोलकीपर की भूमिका में होंगे। सुल्तान अजलान शाह कप में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ लीग चरण में चोटिल हुए पी आर श्रीजेश टीम का हिस्सा नहीं हैं। मिडफील्ड में एस के उथप्पा, सतबीर सिंह, हरजीत सिंह जैसे खिलाड़ियों के अनुभव पर टीम ने भरोसा जताया है। उथप्पा और सतबीर को मलेशिया में हुए टूर्नामेंट में आराम दिया गया था जहां टीम ने कांस्य जीता था।
पुरुष टीम के कोच रोलैंट ओल्टमैंस ने टीम चयन को लेकर कहा, सुल्तान अजलान के बाद हम टीम में कुछ बदलाव लाना चाहते थे क्योंकि इस वर्ष हमारे तीन दौरे हैं और इसलिए युवाओं को मौका दिया गया है। हमने कुछ ऐसे खिलाड़ी भी चुने हैं जो ज्यादा अनुभवी नहीं हैं लेकिन फिर भी हमें उम्मीद है कि हम वर्ल्ड लीग में शीर्ष दो में जगह बना पाएंगे।
राष्ट्रीय कोच ने कहा कि मलेशिया दौरे पर टीम का प्रदर्शन बहुत अच्छा था और खिलाड़ियों ने सत्र की अच्छी शुरुआत की है जिसमें गेंद पर नियंत्रण रखना अब उनकी ताकत बन गई है। उन्होंने कहा, हमारा खेलने का तरीका अच्छा था और हमारे अंदर तेजी थी। हम अपने आंकड़ों की भी तुलना करते हैं और पिछले वर्षों की तुलना में हमने इस बार 62 फीसदी समय गेंद पर कब्जा रखा, जो सबसे बड़ा सुधार है।
ओल्टमैंस ने कहा, हमें हालांकि अभी यह देखना होगा कि पेनल्टी कार्नर पर गोल करने और मैदानी गोल करने में हम कितने सफल हुए हैं। हम टीम में कुछ छुटपुट बदलावों पर भी काम कर रहे हैं और बेंगलुरु में दो सप्ताह के कैंप में हम इस दिशा में ज्यादा ध्यान देंगे। भारतीय टीम विदेश रवाना होने से पहले 14 मई से 28 मई तक बेंगलुरु में राष्ट्रीय शिविर में तैयारी करेगी और 29 मई को जर्मनी के डुसेलडोर्फ रवाना होगी।