इस पहल की शुरुआत मांडविया ने 29 अगस्त को राष्ट्रीय खेल दिवस के अवसर पर की थी।
पीआईबी (पत्र सूचना कार्यालय) के अनुसार मंत्री ने कहा, रीसेट कार्यक्रम संन्यास ले चुके हमारे उन खिलाड़ियों को पहचान दिलाने और उन्हें सशक्त बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है जिन्होंने अपनी उपलब्धियों से देश को गौरवान्वित किया है।
उन्होंने कहा, हम संन्यास ले चुके खिलाड़ियों से आग्रह करते हैं कि वे नए कौशल विकसित करने के लिए इस अवसर का लाभ उठाएं, खेल समुदाय से जुड़े रहें और देश की खेल विरासत में योगदान देना जारी रखें।
रीसेट कार्यक्रम संन्यास लेने के बाद खिलाड़ियों के करियर को संवारने में मदद करने के लिए तैयार किया गया है। इसका उद्देश्य दो पीढ़ियों के बीच के अंतर को पाटना है, जिससे पूर्व खिलाड़ियों के कौशल और अनुभव से युवा प्रतिभाओं को लाभ मिल सके।