दो ओलंपिक पदक जीतने वाली मनु भाकर की इस साल ध्यानचंद खेलरत्न पुरस्कार के लिये उपेक्षा किये जाने की खबरों के बीच खेल मंत्रालय के एक शीर्ष सूत्र ने कहा है कि अभी नाम तय नहीं हुए हैं और एक सप्ताह में पुरस्कारों का खुलासा होने पर उसका नाम सूची में होगा।अगस्त में पेरिस ओलंपिक में मनु एक ही खेलों में दो पदक जीतने वाली आजाद भारत की पहली खिलाड़ी बन गई जब उन्होंने 10 मीटर एयर पिस्टल व्यक्तिगत और मिश्रित टीम स्पर्धा में कांस्य पदक जीता।
मनु के परिवार ने कहा कि उन्होंने पुरस्कार के लिये आवेदन भरा था।मंत्रालय के एक सूत्र ने कहा , अभी अंतिम सूची तय नहीं हुई है। खेलमंत्री मनसुख मांडविया एक या दो दिन में अनुशंसा पर फैसला लेंगे और अंतिम सूची में मनु का नाम होने की पूरी संभावना है।
उच्चतम न्यायालय के सेवानिवृत जज वी रामासुब्रमम की अध्यक्षता वाली 12 सदस्यीय पुरस्कार समिति में भारतीय महिला हॉकी टीम की पूर्व कप्तान रानी रामपाल समेत पूर्व खिलाड़ी भी हैं।
मंत्रालय के नियमों के तहत खिलाड़ियों को अपना नामांकन खुद भरने की भी अनुमति है। चयन समिति उन नामों पर भी विचार कर सकती है जिन्होंने आवेदन नहीं किया है।मंत्रालय ने दावा किया कि मनु ने आवेदन नहीं किया है लेकिन उनके पिता रामकिशन भाकर ने कहा कि उसने आवेदन किया है।
उन्होंने कहा , भारत में ओलंपिक खेलों की कोई अहमियत नहीं है क्योंकि दो ओलंपिक पदक जीतने के बावजूद मनु की खेलरत्न पुरस्कार के लिये उपेक्षा की गई। देश के लिये खेलने और पदक जीतने का क्या फायदा जब सम्मान के लिये हाथ फैलाने पड़ें । वह पिछले दो तीन साल से लगातार सारे पुरस्कारों के लिये आवेदन कर रही है और मैं इसका गवाह हूं। इसमें खेलरत्न, पद्मभी और पद्मभूषण सम्मान शामिल है।
समझा जाता है कि समिति ने पेरिस ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने वाली भारतीय हॉकी टीम के कप्तान हरमनप्रीत सिंह और पैरालम्पिक में ऊंची कूद टी64 वर्ग में स्वर्ण पदक जीतने वाले पैरा एथलीट प्रवीण कुमार के नामों की सिफारिश खेलरत्न के लिये की है। इनके अलावा 30 खिलाड़ियों को अर्जुन पुरस्कार देने की भी सिफारिश की गई है। (भाषा)