रियो ओलंपिक के बाद संन्यास लेंगी मैरीकॉम

मंगलवार, 29 सितम्बर 2015 (20:36 IST)
दार्जिलिंग। खेलों के महाकुंभ ओलंपिक में भारतीय मुक्केबाजी का परचम लहराने वाली कांस्य पदक विजेता और देश की शीर्ष महिला मुक्केबाज एमसी मैरीकाम अगले वर्ष रियो ओलंपिक के बाद संन्यास ले लेंगी। 
       
नेपाली गर्ल्स हायर सेकेंडरी स्कूल की 125 वें संस्थापना दिवस पर सोमवार को आयोजित एक समारोह में यहां शिरकत करने आईं मैरीकॉम ने कहा कि उनका सपना ओलंपिक में देश के लिए स्वर्ण पदक हासिल करना है। रियो में वह इसी लक्ष्य के साथ उतरेंगी और उसके बाद इस खेल को अलविदा कह देंगी।
        
पांच बार की विश्व चैंपियन मैरीकाम ने कहा, 'ईश्वर के आशीर्वाद से इस खेल ने मुझे बहुत कुछ दिया है। बस एक ही सपना ओलंपिक में स्वर्ण पदक को जीतने का अधूरा रह गया है। मैं रियो में अपने सपने को पूरा करने के लक्ष्य के साथ उतरूंगी और यह मेरा आखिरी टूर्नामेंट होगा।'
         
उन्होंने संन्यास के पीछे कोई कारण न बताते हुए बस इतना ही संकेत दिया कि मुक्केबाजी के कड़े अभ्यास और पारिवारिक जीवन में तालमेल बिठाने में हो रही परेशानियों के बाद उन्हें यह कठिन निर्णय लेना पड़ रहा है।
        
उन्होंने कहा कि संन्यास के बाद वह युवा प्रतिभाशाली खिलाड़ियों के विकास के लिए गठित ‘मैरीकॉम रीजनल बॉक्सिंग फाउंडेशन’ के लिए पूरी प्रतिबद्धता के साथ काम करना चाहती हैं। फाउंडेशन का गठन वर्ष 2006 में किया गया था। 
        
रियो के लिए क्वालिफाई करने के बारे में इस शीर्ष मुक्केबाज ने कहा, 'विश्व भर के शीर्ष मुक्केबाजों के साथ रियो के लिए क्वालिफाई करना वाकई एक कड़ा मुकाबला होगा। मैं इस समय मानसिक और शारीरिक फिटनेस बनाए रखने के लिए परिवार से दूर कड़ा अभ्यास कर रही हूं।'       
           
युवा लड़कियों को प्रोत्साहित करते हुए उन्होंने कहा, 'एक लड़की, महिला और मां होने के साथ-साथ जब मैं यह कर सकती हूं तो आप सभी क्यों नहीं। बड़े सपने देखो और उन्हें साकार करने के लिए जुट जाओ। आपको अपने सपने साकार करने के लिए जीवन में अनुशासन, समर्पण और उनके पूरा होने की उम्मीद बनाए रखना चाहिए। जीवन में सफल होने में बहुत सी कठिनाइयां आती हैं लेकिन धैर्य और साहस से हम ऊंचा मुकाम हासिल कर सकते हैं।' (वार्ता)

वेबदुनिया पर पढ़ें