मणिपुर की रहने वाली महिला मुक्केबाज ने सम्मानित किए जाने के बाद कहा, मैं इस सम्मान को हमेशा याद करूंगी और छात्रों से भी अपील करना चाहती हूं कि वे जो भी करें, उसमें मजा लें। इसी से वे अपनी परेशानियों से बाहर आ सकेंगे। मैं इस विश्वविद्यालय में आपको समर्थन करने के लिए आई हूं। मुझे इतना सम्मान और पुरस्कार मेरे जज्बे की वजह से ही मिले हैं।
लंदन ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता खिलाड़ी ने हालांकि यह भी माना कि देश में लोगों के बीच खेलों को लेकर जागरूकता की भारी कमी है। उन्होंने कहा, रियो ओलंपिक में मात्र दो पदकों से मुझे बहुत ही निराशा हुई है और यह इसलिए है क्योंकि देश में लोगों के बीच खेलों को लेकर जानकारी कम है। (वार्ता)