ब्यूनस आयर्स। फाइनल में 4 बार शिकस्त, बड़े टूर्नामेंट में जल्दी बाहर होने की शर्मिंदगी और राष्ट्रीय टीम से संन्यास लेने तक का फैसला करने के बाद अंतत: सुपरस्टार लियोनल मेस्सी को अर्जेंटीना ने जश्न में आंसू बहाने का मौका दे ही दिया। अर्जेंटीना ने शनिवार को मराकाना स्टेडियम में फाइनल में मेजबान ब्राजील को 1-0 से हराकर कोपा अमेरिकी फुटबॉल खिताब जीता।
इसके साथ ही अर्जेंटीना ने बड़े टूर्नामेंटों में खिताबी जीत के 28 साल के सूखे को भी समाप्त किया। मेस्सी को चार गोल करने और पांच गोल में मदद करने के लिए ब्राजील के नेमार के साथ टूर्नामेंट का सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी चुना गया। कप्तान ने इस दौरान 151 मुकाबलों के साथ अर्जेंटीना की ओर से सर्वाधिक अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने का रिकॉर्ड भी बनाया।
उरूग्वे के रैफरी एस्तेबान ओस्तोजिच ने जब मैच समाप्त होने की सीटी बजाई तो मेस्सी मैदान पर ही घुटनों के बल बैठ गए और हाथों से अपने चेहरे को ढंक लिया। मेस्सी के सामने अब चुनौती अगले साल कतर में होने वाला विश्व कप जीतना है। टीम अगर ऐसा करने में सफल रहती है तो 1986 में माराडोना की मौजूदगी वाली टीम की खिताबी सफलता को दोहराएगी।
उन्होंने तब कहा था, यह मेरे लिए नहीं है (राष्ट्रीय टीम के साथ खिताब जीतना)। मैंने प्रयास किया, मुझे लगता है कि बस अब बहुत हो चुका।मेस्सी ने हालांकि दक्षिण अमेरिकी विश्व कप क्वालीफायर में वापसी की जिसमें अर्जेंटीना को जूझना पड़ा। वह टीम को रूस में हुए विश्व कप में जगह दिलाने में सफल रहे लेकिन फ्रांस के खिलाफ प्री क्वार्टर फाइनल में हारकर टीम बाहर हो गई।
मेस्सी ने 2019 कोपा अमेरिका में अधिक आक्रामक रवैया अपनाया जिससे अर्जेंटीना के प्रशंसकों को काफी खुशी हुई। बेहद कम अनुभव वाले कोच लियोनल स्केलोनी के मार्गदर्शन में युवा खिलाड़ियों के साथ मिलकर उन्होंने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया। शनिवार को मेस्सी ने 34 साल की उम्र में कोपा अमेरिका ट्रॉफी को चूमा। उनके शानदार करियर का सबसे बड़ा इंतजार अब खत्म हो गया है।(भाषा)