भारतीय टीम डेविस कप के विश्व ग्रुप एक प्लेऑफ में शनिवार को यहां जब निचली रैंकिंग वाली टीम टोगो की चुनौती का सामना करने उतरेगी तो शशिकुमार मुकुंद खुद को अघोषित निलंबन से बचाते हुए विजयी वापसी करना चाहेंगे। टोगो इस मुकाबले में अपने सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों के साथ उतर रहा है लेकिन भारतीय टीम जीत की दावेदार होगी।
मुकुंद ने कुछ साल पहले राष्ट्रीय परिदृश्य में कदम रखा था, तब उनसे काफी उम्मीद की जा रही थीं और दिग्गज लिएंडर पेस ने भी उनकी प्रशंसा की थी। चोट के कारण हालांकि इस खिलाड़ी का खेल अपेक्षित रूप से परवान नहीं चढ़ पाया।
टूर स्तर की प्रतियोगिताओं में संघर्ष और चोट के कारण अपेक्षित परिणाम हासिल नहीं करने के बाद उन्होंने सितंबर 2023 में डेविस कप पदार्पण किया और पिछले साल देश के लिए खेलने से इनकार करके विवादों में फंस गये।
इस 28 साल के खिलाड़ी ने हालांकि टोगो के खिलाफ मुकाबले के लिए खुद को उपलब्ध कराकर अच्छी समझदारी दिखाई।
भारत के शीर्ष एकल खिलाड़ी सुमित नागल की अनुपस्थिति में मुख्य रूप से ऑस्ट्रिया में अभ्यास करने वाले मुकुंद के लिए अपना पहला डेविस कप मैच जीतने और इस मुकाबले में भारत की जीत में योगदान देने का यह शानदार मौका है। इस टाई के विजेता को इस साल सितंबर में विश्व ग्रुप एक में प्रतिस्पर्धा करने का मौका मिलेगा।
टोगो की टीम में थॉमस सेटोडजी (विश्व रैंकिंग 1256) को छोड़कर किसी अन्य खिलाड़ी ने रैंकिंग हासिल नहीं किया है। डेविस कप में रैंकिंग के कोई मायने नहीं है लेकिन इससे टीम की मजबूती का आकलन किया जा सकता है। मुकुंद के पास शानदार मौका होगा और उन्हें इसका फायदा उठाना चाहिए।
वह लिओवा अयित अजवोन के खिलाफ शुरुआती एकल में खेलेंगे, जबकि रामकुमार रामनाथन सेटोडजी के खिलाफ दूसरा एकल खेलेंगे।
मुकुंद ने कहा, मोरक्को के खिलाफ कड़ा मुकाबला था लेकिन उम्मीद है कि कल जीत के साथ वापसी करूंगा। मुझे मोरक्को में खेले हुए काफी समय हो गया है और अब मैं काफी फिट और बेहतर खिलाड़ी हूं। मैंने पिछले कुछ समय से बहुत मेहनत की है।
दोनों टीमों के खिलाड़ियों के प्रदर्शन और अनुभव की तुलना करें तो यह भारत के पक्ष में झुका हुआ दिख रहा है लेकिन भारतीय टीम अपने पिछले कुछ मुकाबलों में शानदार प्रदर्शन करने वाले अफ्रीका के इस छोटे देश के खिलाड़ियों से सावधान रहना चाहेगी।
टोगो ने अपने पिछले 11 से 10 टाई जीते हैं लेकिन उसने शीर्ष स्तर की टीमों के खिलाफ प्रतिस्पर्धा नहीं की है। टीम को भारत के खिलाफ उलटफेर करने के लिए अपने खेल के स्तर को काफी ऊंचा उठाना होगा।
भारत के पास 21 साल के करण सिंह को मौका देकर उनके कौशल को परखने का मौका था लेकिन टीम ने किसी जोखिम से बचने के लिए रामकुमार पर भरोसा जताया।
मुकुंद ने कहा कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि कौन खेल रहा है क्योंकि टीम में चुना गया हर खिलाड़ी कोर्ट में उतरने की क्षमता रखता है।
उन्होंने कहा, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप खेलते हैं या नहीं, आपका काम खेलना है या कोर्ट में बोतलें लाना है। यह तीसरे खिलाड़ी की अक्षमता को नहीं दर्शाता, वह भी उतना ही महत्वपूर्ण है। यह सिर्फ इतना है कि हमने एक विकल्प चुना है और हम उस निर्णय का समर्थन करेंगे।
करण मौका हासिल करने से चूक गये लेकिन भारत ने ऋत्विक चौधरी बोलिपल्ली को पदार्पण का मौका दिया है। बोलिपल्ली युगल रैंकिंग में शीर्ष 100 में जगह बनाने में सफल रहे है। उन्होंने हाल ही में ऑस्ट्रेलियाई ओपन में भाग लिया था जो उनके करियर का पहला ग्रैंड स्लैम था।
वह एन. श्रीराम बालाजी के साथ जोड़ी बनाएंगे, जो पिछले कुछ समय से टूर पर अच्छा टेनिस खेल रहे हैं।
बोलिपल्ली ने कहा, यह मेरे लिए एक सपने के सच होने जैसा है।
बालाजी और बोलिपल्ली की जोड़ी पिछले साल चैलेंजर्स स्तर का टूर्नामेंट जीत चुकी है।
बालाजी ने कहा, बोलिपल्ली के साथ अच्छा होगा। वह अनुशासित खिलाड़ी हैं और कड़ी मेहनत करते हैं। मुझे उसके साथ खेलने में मजा आता है।
भारतीय कप्तान रोहित राजपाल ने कहा कि टीम का चयन प्रतिभा के आधार पर हुआ है और इस स्तर पर किसी टीम को कमजोर नहीं माना जा सकता है।
उन्होंने कहा, यह योग्यता पर आधारित प्रारूप है। भारत बिना किसी वरीयता प्राप्त टीम के फाइनल में पहुंच गया था। अगर वे (टोगो) प्लेऑफ में पहुंच गए हैं, तो इसका मतलब है कि उन्होंने अच्छे स्तर पर खेला है।