नरसिंह ने डोप प्रकरण में 'साई' की भूमिका पर जताया संदेह

सोमवार, 25 जुलाई 2016 (20:01 IST)
नई दिल्ली। डोपिंग प्रकरण ने नरसिंह यादव को सोमवार को लगभग ओलंपिक से बाहर कर दिया है। इस प्रकरण ने हालांकि नया मोड़ ले लिया है क्योंकि इस पहलवान ने खुद को फंसाने के लिए की गई ‘साजिश’ में साई अधिकारी के शामिल होने का आरोप लगाया और राष्ट्रीय महासंघ ने भी इस संदर्भ में उनका पूरा समर्थन किया है।
नरसिंह और उनके साथ कमरे में रहने वाले संदीप यादव को प्रतिबंधित एनाबोलिक स्टेराइड मिथाएंडीनोन के लिए पॉजीटिव पाया गया था, इसके एक दिन बाद भारतीय कुश्ती महासंघ ने इस पहलवान का पूरा साथ निभाते हुए जोर देते हुए कहा कि उसे रियो जाने से रोकने के लिए एक साजिश की गई।
 
डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह ने आज कहा कि नरसिंह ने लिखित में शिकायत सौंपी है, जिसमें उसने सोनीपत साई के एक अधिकारी का नाम लेते हुए कुछ अन्य के खिलाफ आरोप लगाए हैं, जिसमें खिलाड़ी भी शामिल हैं।
 
सिंह ने कहा, नरसिंह यादव ने 19 जुलाई को डब्ल्यूएफआई को लिखित में शिकायत दर्ज की, जिसमें उन्होंने साई के एक अधिकारी के नाम का जिक्र किया है और खिलाड़ियों समेत कुछ अन्य के खिलाफ भी आरोप लगाए हैं। 
 
उन्होंने कहा, एक महीने के समय में नरसिंह के तीन डोप परीक्षण कराए गए और इससे काफी संदेह उठता है। साथ ही उसके साथ कमरे में रहने वाला साथी संदीप यादव भी इसी प्रतिबंधित पदार्थ के लिए पॉजीटिव पाया गया है। 
 
डोपिंग में फंसे नरसिंह ने इस प्रकरण में आज सीबीआई जांच की मांग की। उन्होंने कहा, इसमें सीबीआई जांच होनी चाहिए। मेरे चयन से संबंधित पूरा प्रकरण अदालत में हुआ था। एक सीआईडी रिपोर्ट भी थी कि मेरी जिंदगी खतरे में है। 
 
उन्होंने कहा, इससे स्पष्ट होता है कि मुझे फंसाया गया है ताकि मैं रियो जाने से रूक जाऊं। उन्होंने कहा, मैंने अपनी शिकायत महासंघ को दे दी है जिसमें मैंने स्पष्ट किया है कि कुछ चीज मेरे भोजन में डाली गई होगी, जिसे मैस में तैयार किया गया था। यह मेरे खिलाफ साजिश है।  
 
सिंह ने कहा कि नरसिंह की शिकायत को खेल मंत्रालय के पास भेज दिया गया है। उन्होंने कहा, जिस दिन नरसिंह ने लिखित शिकायत की थी, मैंने तुरंत खेल मंत्रालय और भारत सरकार में अन्य महत्वपूर्ण लोगों को इसके बारे में सूचित कर दिया था। सरकार ने इसे गंभीरता से लिया और विशेषज्ञों की एक समिति बनाई गई है, जो इस मामले को देख रही है। मैंने विश्व कुश्ती संस्था फीला और नाडा को इस पूरी साजिश के बारे में सूचित कर दिया है। 
 
डब्ल्यूएफआई प्रमुख ने कहा, मैं लगातार विश्व कुश्ती संस्था के संपर्क में हूं और मामले में हो रही प्रगति के बारे में उन्हें अपडेट कर रहा हूं। खेलमंत्री विजय गोयल ने साफतौर पर कहा कि नरसिंह के डोप मामले में वाडा के नियमों के दायरे में रहकर सारी जांच की जाएगी।
 
गोयल ने यहां मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम पर ‘रन फोर रियो’ से जुड़े कार्यक्रम से इतर कहा, राष्ट्रीय डोपिंग निरोधक एजेंसी खेलों में डोपिंग की जांच के लिए स्वायत्त संस्था है जो वाडा की आचार संहिता के तहत काम करती है। हम सभी चाहते थे कि नरसिंह रियो जाए लेकिन अगर कानून आड़े आ जाएगा तो हम कुछ नहीं कर सकते। हम इतना कह सकते हैं कि इस मामले में वाडा की आचार संहिता पर अमल किया जाएगा। 
 
गोयल ने कहा, देश की प्रतिष्ठा से बढ़कर कुछ नहीं और इसके लिए नियमों के तहत चलना पड़ता है। खेलों में शुचिता बरकरार रखना हमारा लक्ष्य है। उसके साथ कोई समझौता नहीं हो सकता। उन्होंने यह भी कहा कि फिलहाल रियो ओलंपिक में भारत का दल 119 सदस्यीय होगा, जो अब तक का सबसे बड़ा दल है। उन्होंने कहा, नरसिंह यादव डोप टेस्ट में पॉजीटिव पाए गए हैं और उन पर अस्थाई निलंबन है। वे इस निलंबन के चलते फिलहाल रियो दल का हिस्सा नहीं हैं। (भाषा) 

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