नरसिंह यादव जाएंगे रियो ओलंपिक, सुशील कुमार हुए बाहर
गुरुवार, 12 मई 2016 (18:48 IST)
नई दिल्ली। लगातार दो ओलंपिक में पदक जीतने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी सुशील कुमार का रियो ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने का सपना अभी से टूट गया है और उनके 74 किग्रा वजन वर्ग में विश्व चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीतने वाले महाराष्ट्र के पहलवान नरसिंह यादव रियो में भारत की चुनौती रखेंगे।
भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह ने गुरुवार को स्पष्ट कर दिया कि रियो ओलंपिक में 74 किग्रा वजन वर्ग में भारत को ओलंपिक कोटा दिलाने वाले पहलवान नरसिंह यादव ही रियो जाएंगे।
बृजभूषण के इस बयान के बाद इस बात की संभावना समाप्त हो गई है कि सुशील और नरसिंह के बीच कोई ट्रायल होगा। कुश्ती महासंघ ने भी भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) को क्वालीफाई करने वाले जिन पहलवानों की सूची भेजी है उसमें 74 किग्रा वर्ग में नरसिंह का नाम है।
इस सूची के बाद लंदन ओलंपिक के रजत विजेता सुशील ने दोहराया कि ट्रायल होना चाहिए और जो पहलवान जीते, वही रियो जाए। सुशील के गुरु महाबली सतपाल ने भी कहा कि ट्रायल होना जरूरी है और यदि ऐसा नहीं होता है तो यह देश का दुर्भाग्य होगा।
केंद्रीय खेलमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने सुशील और नरसिंह के ट्रायल के विवाद में कूदने से इंकार करते हुए कहा कि उनका मंत्रालय कुश्ती महासंघ के कामकाज में कोई हस्तक्षेप नहीं करेगा और इस मामले में अंतिम फैसला फेडरेशन का होगा।
बृजभूषण ने रियो ओलंपिक के लिए नरसिंह और पिछले दो ओलंपिक के पदक विजेता सुशील कुमार के बीच ट्रायल कराने को लेकर चल रही राष्ट्रव्यापी बहस को विराम देते हुए कहा, फैसला हो चुका है, जिसने क्वालीफाई किया है, वही ओलंपिक जाएगा। हिंदुस्तान की परंपरा रही है कि जो क्वालीफाई करता है, वही ओलंपिक जाता है।
उल्लेखनीय है कि कुश्ती महासंघ ने भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) को ओलंपिक कोटा दिलाने वाले पहलवानों की जो सूची भेजी है, उसमें 74 किग्रा वजन वर्ग में नरसिंह यादव का नाम है। इस सूची के बाद मीडिया में सुर्खियां बन गई हैं कि सुशील रियो ओलंपिक से बाहर हो गए हैं।
बृजभूषण ने स्पष्ट किया कि जो खिलाड़ी क्वालीफाई करता है उसी का नाम आईओए को भेजा जाता है। उन्होंने कहा, हमने कभी अपनी ओर से कोई बयान नहीं दिया है कि इन पहलवानों का कोई ट्रायल होगा या नहीं। यह सब कुछ मीडिया के माध्यम से चल रहा है। सुशील कुश्ती का बहुत बड़ा नाम है। कुश्ती को ऊंचाइयों तक पहुंचाने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है। जब भी वे कोई बात कहते हैं तो मीडिया में सुर्खियां बन जाती हैं।
इस विवाद के बाद सुशील ने एक बार फिर कहा कि ट्रायल होना चाहिए और जो बेहतर पहलवान हो, वही रियो जाए। सुशील ने कहा, मैं इस बारे में कुछ अधिक नहीं कहना चाहता। मैं तो सिर्फ ट्रायल के बारे में कह रहा हूं। मैं यह नहीं कह रहा कि आप मुझे मेरे पूर्व प्रदर्शन के आधार पर रियो भेजें। मेरा कहना सिर्फ यही है कि नरसिंह और मुझमें जो भी बेहतर हो, वही रियो जाए।
32 वर्षीय भारतीय पहलवान ने कहा, जब कोटा देश से संबंधित है, किसी एक व्यक्ति से नहीं और उस वर्ग में दो बेहतरीन पहलवान हैं तो फिर एक ट्रायल होना चाहिए। इसके लिए एक प्रक्रिया है और उसका पालन होना चाहिए। अमेरिका में भी पूर्व विश्व और ओलंपिक चैंपियन जार्डन को भी ट्रायल से गुजरना पड़ा। दुनिया में यही होता है।
सोनोवाल ने स्पष्ट कर दिया कि पहलवान सुशील कुमार और नरसिंह यादव के मुद्दे में खेल मंत्रालय के फैसले में किसी तरह का हस्तक्षेप नहीं करेगा। सोनोवाल ने भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) के मुख्यालय में बार-बार पूछे गए सवालों के जवाब में एक ही बात कही कि कुश्ती महासंघ एक स्वायत्त संस्था है और मंत्रालय उसके फैसलों या कामकाज में किसी तरह का हस्तक्षेप नहीं करेगा। खेलमंत्री ने साथ ही कहा, यह फैसला फेडरेशन का काम है कि वह नरसिंह और सुशील के बीच में ट्रायल कराना चाहता है या नहीं।
सोनोवाल ने कहा, मैं आपको स्पष्ट कर चुका हूं कि कोई भी फैसला करना फेडरेशन का काम है और इसमें हमारी कहीं कोई भूमिका नहीं है। जो कुछ निर्णय करना है फेडरेशन को करना है। यदि आपको ट्रायल के बारे में पूछना है तो वह आप फेडरेशन के बारे में पूछिए।
उधर सुशील के गुरु महाबली सतपाल ने हैरानी जताते हुए कहा है कि बिना ट्रायल कराए ऐसे कोई फैसला कैसे लिया जा सकता है। उन्होंने कहा, यह बड़े अफसोस की बात होगी यदि सुशील ओलंपिक से बाहर होते हैं। वे दो बार सरकार के खर्चे पर ट्रेनिंग के लिए जार्जिया गए और हाल में एक महीने की ट्रेनिंग करके लौटे हैं। फेडरेशन बिना ट्रायल कराए ऐसे सूची कैसे भेज सकता है। हम खेलमंत्री सर्बानंद सोनोवाल से मिलकर ऐसे फैसले पर विरोध व्यक्त करेंगे और उनसे ट्रायल कराने के लिए कहेंगे।
सुशील के नरसिंह के साथ ट्रायल की मांग के मुद्दे पर बृजभूषण ने कहा, खिलाड़ी ने यह मांग मीडिया के माध्यम से की है। उन्होंने हमसे लिखित में कुछ नहीं कहा है। जब लिखित में हमारे पास कुछ नहीं आया है तो मैं ट्रायल पर कैसे कुछ कह सकता हूं?
यह पूछने पर कि यदि सुशील महासंघ को लिखित में ट्रायल के लिए कहते हैं तो बृजभूषण ने कहा, अभी तक स्थिति यह है कि हमारे पास सुशील ने लिखित रूप से कुछ नहीं कहा है। अगर लिखित में कुछ आता है तो हमारी चयन समिति है, वह इस मुद्दे पर अपना निर्णय लेगी, लेकिन मैं एक बार फिर कहना चाहूंगा कि हिंदुस्तान की परंपरा रही है कि क्वालीफाई करने वाला खिलाड़ी ही ओलंपिक में खेलने जाता है।
बृजभूषण ने साथ ही कहा, सुशील जैसे ऊंचे स्तर के खिलाड़ी की मांग है और यह मांग मीडिया की सुर्खियां बन रही है। मैं ऐसे में खुद को असमर्थ पा रहा हूं। मैं जानता हूं कि मेरे मुंह से निकला शब्द किसी को आहत कर सकता है।
सुशील के जार्जिया में सरकारी खर्च पर ट्रेनिंग करने के मुद्दे पर महासंघ के अध्यक्ष ने कहा कि इस मामले से उनका कोई लेना-देना नहीं है। यह खेल मंत्रालय का काम है कि वह खिलाड़ियों की तैयारियों को किस तरह देखती है।
बृजभूषण ने आईओए को भेजी गई सूची पर कहा, यह मेरा और सचिव का काम नहीं है कि हम पहलवानों की सूची मंत्रालय को भेजें। यह हमारे कार्यालय का काम है कि जो खिलाड़ी क्वालीफाई करता है, वह स्वत: ही उसका नाम आईओए को भेज दे।
बृजभूषण ने बुधवार को कुश्ती महासंघ के मुख्यालय में हुई बैठक में इस मुद्दे पर कुछ भी कहने से इंकार कर दिया था, लेकिन अब बृजभूषण ने स्पष्ट कर दिया है कि ट्रायल जैसी कोई बात नहीं है और जिस पहलवान ने क्वालीफाई किया है, वही ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व करेगा।
रियो ओलंपिक में कुश्ती से भारत की पदक संभावनाओं के बारे में पूछे जाने पर बृजभूषण ने कहा, इस बार लंदन का रिकॉर्ड टूटेगा। हमारे लिए यह बड़े सौभाग्य की बात है कि हमारे दो और पहलवानों ने रियो के लिए क्वालीफाई कर लिया है।
अब ओलंपिक में उतरने वाले पहलवानों की संख्या रिकॉर्ड आठ तक पहुंच चुकी है। मुझे उम्मीद है कि हमारी महिला पहलवानों और फ्री स्टाइल पहलवानों का प्रदर्शन शानदार रहेगा। वैसे मैं तो सभी पहलवानों से पदक की उम्मीद करूंगा। (वार्ता)