Neeraj Chopra Klaus Bartonietz : नीरज चोपड़ा ने बुधवार को अपने जर्मनी के कोच क्लॉस बार्टोनिट्ज को भावभीनी विदाई दी जिन्होंने पारिवारिक प्रतिबद्धताओं का हवाला देते हुए स्टार भारतीय भाला फेंक खिलाड़ी के साथ अपनी पांच साल की साझेदारी समाप्त कर दी।
चोपड़ा ने इस 75 वर्षीय कोच के मार्गदर्शन में तोक्यो ओलंपिक (Tokyo Olympics) में ऐतिहासिक स्वर्ण और इस साल पेरिस खेलों में रजत पदक सहित कई अन्य पदक जीते। कोच ने अपने पद पर बने रहने में असमर्थता व्यक्त की थी, जैसा कि अक्टूबर में पीटीआई ने बताया था।
चोपड़ा ने X पर लिखा,मैं यह जाने बिना लिख रहा हूं कि कहां से शुरू करूं। कोच, आप मेरे लिए सिर्फ एक गुरू से बढ़कर हैं। आपने जो कुछ भी सिखाया है उसने मुझे एक एथलीट और व्यक्ति के रूप में विकसित होने में मदद की है। आपने यह सुनिश्चित करने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास किया है कि मैं हर प्रतियोगिता के लिए मानसिक और शारीरिक रूप से तैयार रहूं।
उन्होंने कहा, आप चोट के दौरान भी मेरे साथ खड़े रहे। आप उतार-चढ़ाव के दौरान भी मेरे साथ रहे और आप इससे भी ज्यादा मुश्किलों के दौरान मेरे साथ रहे।
चोपड़ा ने बार्टोनिट्ज की शांत लेकिन प्रभावशाली उपस्थिति पर भी प्रकाश डाला और कहा कि उनकी हंसी और मजाक की कमी खलेगी।
उन्होंने कहा, आप स्टैंड में सबसे शांत लोगों में से एक थे लेकिन जब मैं थ्रो (भाला फेंकता था) करता था तो आपके शब्द मेरे कानों में सबसे ज्यादा गूंजते थे। मुझे आपके मजाक और हंसी की कमी खलेगी, लेकिन सबसे ज्यादा मैं एक टीम के रूप में हमें याद करूंगा।
I write this without knowing where to begin.
Coach, you are more than just a mentor to me. Everything you taught has helped me grow both as an athlete and person. You have gone out of your way to make sure I was mentally and physically prepared for every competition. You stood… pic.twitter.com/kJxaPqmHmm
चोपड़ा ने कहा, मेरी यात्रा का हिस्सा बनने के लिए धन्यवाद। मुझे अपनी यात्रा का हिस्सा बनने देने के लिए धन्यवाद।
भारतीय एथलेटिक्स के मुख्य कोच राधाकृष्णन नायर ने कहा कि पेरिस ओलंपिक के बाद जर्मनी के कोच बार्टोनिट्ज का अनुबंध समाप्त हो गया था और साल के अंत से पहले नए कोच की नियुक्ति की संभावना है।
नायर ने कहा, हां, डॉ. क्लॉस अब नीरज के कोच नहीं रहेंगे। एएफआई और नीरज मिलकर उनके लिए कोच की तलाश करेंगे।
उन्होंने कहा, संभवतः इस वर्ष के अंत से पहले हमारे पास उनके लिए एक कोच हो सकता है। वह (डॉ. क्लॉस) अपने परिवार के साथ रहना चाहते हैं। पेरिस ओलंपिक के बाद नीरज के साथ उनका अनुबंध समाप्त हो गया है।
जर्मनी का यह कोच सबसे पहले बायोमैकेनिक्स विशेषज्ञ के रूप में शामिल हुआ था लेकिन बाद में उवे होन के भारतीय एथलेटिक्स महासंघ और भारतीय खेल प्राधिकरण से मतभेद होने के बाद वह चोपड़ा के कोच बन गए।
उनके मार्गदर्शन में चोपड़ा ने तोक्यो ओलंपिक में स्वर्ण, पेरिस खेलों में रजत जीता जबकि विश्व चैंपियन और डायमंड लीग चैंपियन के अलावा एशियाई खेलों के स्वर्ण पदक विजेता भी बने। (भाषा)