दो बार के ओलंपिक पदक विजेता भाला फेंक एथलीट नीरज चोपड़ा ने रविवार को खुलासा किया कि उन्होंने बाएं हाथ में फ्रैक्चर के बावजूद डायमंड लीग सत्र के फाइनल में हिस्सा लिया। वह दाएं हाथ से भाला फेंकते हैं और यह फ्रैक्चर ट्रेनिंग के दौरान हुआ था।
चोपड़ा शनिवार को डायमंड लीग का खिताब जीतने के बेहद करीब पहुंच गए थे लेकिन एक सेंटीमीटर से चूक गए और लगातार दूसरे साल 87.86 मीटर के थ्रो से दूसरे स्थान पर रहे।
चोपड़ा (26 वर्ष) ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर कहा, सोमवार को अभ्यास के दौरान मैं चोटिल हो गया था और एक्स-रे से पता चला कि मेरे बाएं हाथ की (चौथी मेटाकार्पल) हड्डी में फ्रैक्चर है। यह मेरे लिए एक और दर्दनाक चुनौती थी। लेकिन अपनी टीम की मदद से मैं ब्रसेल्स में भाग लेने में सफल रहा।
मेटाकार्पल हथेली की वो हड्डियां होती हैं जो हाथ में उंगलियों और कलाई के बीच होती हैं। प्रत्येक हाथ में पांच मेटाकार्पल होते हैं जिनमें से प्रत्येक हड्डी एक विशिष्ट उंगली से जुड़ी होती है।
चोपड़ा अपने दाहिने हाथ से भाला फेंकते हैं। वह ग्रेनेडा के दो बार के विश्व चैंपियन एंडरसन पीटर्स से पीछे रहे जिन्होंने अपने पहले प्रयास में 87.87 मीटर दूर भाला फेंककर स्वर्ण पदक जीता।
चोपड़ा ने 2022 में खिताब जीता था और इसके बाद लगातार दूसरी बार डायमंड लीग फाइनल उपविजेता रहे।
वह आम तौर पर भाला छोड़ने के बाद फॉलो थ्रू में अपनी बाई हथेली को जमीन पर छूते हुए गिरते हैं। शनिवार को अपने सभी छह प्रयासों में चोपड़ा नीचे गिरने और अपनी बाई हथेली को जमीन से छूने से बचते रहे।
हरियाणा का यह एथलीट इस सत्र में फिटनेस से जूझता रहा है और उम्मीद है कि वह ग्रोइन चोट को ठीक करने के लिए डॉक्टर से मिलेंगे जिसने उन्हें पूरे सत्र में प्रभावित किया।अब उन्हें हाथ में चोट लग गई है और उन्होंने इसके बारे में ज़्यादा विस्तार से नहीं बताया। इस फ्रैक्चर को ठीक होने में कुछ महीने लगेंगे।
As the 2024 season ends, I look back on everything Ive learned through the year - about improvement, setbacks, mentality and more.
On Monday, I injured myself in practice and x-rays showed that I had fractured the fourth metacarpal in my left hand. It was another painful… pic.twitter.com/H8nRkUkaNM
तोक्यो ओलंपिक में ऐतिहासिक स्वर्ण पदक जीतने के बाद पेरिस खेलों में रजत जोड़कर उन्होंने सत्र का शानदार अंत किया।
लेकिन उन्होंने स्वीकार किया कि वह सत्र में अपनी उम्मीदों पर खरा नहीं उतर सके। उन्होंने कहा, यह साल का अंतिम टूर्नामेंट था। मैं अपनी ही उम्मीदों पर खरा नहीं उतर सका। लेकिन मुझे लगता है कि यह एक ऐसा सत्र था जिसमें मैंने बहुत कुछ सीखा। अब मैं पूरी तरह से फिट होकर वापसी कर खेलने के लिए तैयार हूं।
सत्र के बारे में उन्होंने कहा, 2024 सत्र समाप्त हो गया है तो मैं साल भर में सीखी गई सभी चीजों को देखता हूं जिसमें सुधार, असफलतायें, मानसिकता और बहुत कुछ शामिल हैं। मैं आप सभी को आपके प्रोत्साहन के लिए धन्यवाद देना चाहता हूं। 2024 ने मुझे एक बेहतर एथलीट और इंसान बनाया है। 2025 में मिलते हैं।
चोपड़ा पूरे सत्र में निरंतर रहे हैं, हालांकि उन्होंने इस सत्र में सिर्फ एक अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता जीती जो 18 जून को फिनलैंड के तुर्कू में पावो नूरमी खेल रहे।चोपड़ा ने 10 मई और 22 अगस्त को क्रमशः दोहा और लुसाने में डायमंड लीग में दूसरे स्थान पर रहने से 14 अंकों के साथ तालिका में चौथे स्थान पर रहने से डायमंड लीग के फाइनल में जगह बनाई थी।
अगले सत्र में मुख्य प्रमुख प्रतियोगिता तोक्यो (13-21 सितंबर) में विश्व चैंपियनशिप है जहां चोपड़ा 2023 में जीते गए स्वर्ण पदक का बचाव करना चाहेंगे। वह 85.50 मीटर के मानक को पार करने के बाद पहले ही विश्व चैंपियनशिप के लिए क्वालीफाई कर चुके हैं।इसके लिए क्वालीफिकेशन मानक हासिल करने की तारीख एक अगस्त 2024 से 24 अगस्त 2025 तक है।(भाषा)