हावगुड ने भी छोड़ा महिला हॉकी टीम का साथ

गुरुवार, 27 नवंबर 2014 (18:27 IST)
नई दिल्ली। भारत को एशियाई खेलों में कांस्य पदक दिलाने वाले भारतीय महिला हॉकी टीम के कोच नील हावगुड ने टीम का साथ छोड़ने का फैसला किया है।     
 
भारतीय हॉकी पुरुष टीम के कोच टैरी वॉल्श के इस्तीफे के झटके से अभी उबर भी नहीं पाई थी कि हावगुड के महिला टीम का साथ छोड़ने की खबर सामने आ गई है। हावगुड के मार्गदर्शन में भारतीय महिला हॉकी टीम ने इंचियोन में 17वें एशियाई खेलों में कांस्य पदक जीता था जबकि जूनियर महिला टीम ने 2013 में जूनियर महिला विश्वकप में कांस्य पदक हासिल किया था। 
     
हावगुड का अनुबंध इस वर्ष के अंत में समाप्त हो रहा था और उन्होंने अपने अनुबंध का नवीकरण करने से इनकार कर दिया। समझा जाता है कि हावगुड मलेशिया के पुरुष हॉकी टीम के कोच बनने की होड़ में है और यही कारण है कि उन्होंने भारत के साथ अपना अनुबंध बढ़ाने से इनकार कर दिया है।
 
इस बीच हॉकी इंडिया के एक अधिकारी ने कहा कि हावगुड ने इस्तीफा नहीं दिया है बल्कि उन्होंने अपना अनुबंध बढ़ाने से इनकार किया है, जो इस वर्ष दिसंबर में समाप्त हो रहा है। 
 
हॉकी इंडिया ने एक बयान जारी कर कहा 'हमें अफसोस है कि नील टीम के साथ अपने अनुबंध को आगे नहीं बढ़ा रहे हैं। हम उनके फैसले का सम्मान करते है और महिला हॉकी टीम को मजबूत बनाने में उनके योगदान और प्रयासों के लिए उनका धन्यवाद करते है।'
 
हावगुड ने महिला टीम का साथ छोड़ने का फैसला कर लिया है लेकिन वह टीम के साथ अपनी पूर्व प्रतिबद्धता को पूरा करने के लिए दिसंबर में इटली के दौरे पर जाएंगे, जहां भारत को पांच टेस्ट खेलने है।
 
 हॉकी इंडिया (एचआई) ने अपने बयान में कहा 'हम नील का इस बात के लिए धन्यवाद करते हैं कि वह अपनी प्रतिबद्धता को पूरा कर रहे हैं जो यह दर्शाता है कि वह अपने काम के प्रति कितने पेशेवर है।'
 
हॉकी इंडिया ने कहा हमें विश्वास है कि मौजूदा टीम 2016 ओलंपिक के लिए क्वालिफाई करने की क्षमता रखती है। यदि हम ऐसा कर पाए तो इसका पूरा श्रेय हावगुड को जाएगा, जिनकी कड़ी मेहनत की बदौलत आज टीम इस मुकाम पर पहुंच पाई है। हम उन्हें भविष्य के लिए अपनी शुभकामनाएं देते है। 
 
हावगुड जुलाई 2012 में भारतीय महिला टीम के साथ जुड़े थे। उनके मार्गदर्शन में भारत ने 2013 के एशिया कप और 2014 के एशियाई खेलों में कांस्य पदक जीतने के अलावा इस वर्ष ग्लास्गो राष्ट्रमंडल खेलों में पांचवां स्थान हासिल किया था। 
 
इसके अलावा भारत ने पिछले वर्ष एशियन चैंपियंस ट्रॉफी में उपविजेता होने का गौरव भी हासिल किया था और जूनियर विश्वकप में पहली बार कांस्य पदक जीता था। (वार्ता)

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