निको रोसबर्ग बने फार्मूला वन विश्व चैंपियन

रविवार, 27 नवंबर 2016 (22:56 IST)
अबु धाबी। जर्मनी के निको रोसबर्ग ने अबु धाबी ग्रां प्री में रविवार को कड़े संघर्ष में दूसरे स्थान पर रहने के साथ ही पहली बार फार्मूला वन विश्व चैंपियनशिप जीत ली।
           
रोसबर्ग को फार्मूला वन विश्व चैंपियन बनने के लिए इस रेस में सिर्फ पोडियम पर आना था और उन्होंने दूसरे स्थान के साथ अपने शानदार करियर में वह स्थान हासिल कर लिया जो 34 साल पहले उनके पिता केके ने हासिल किया था।

अबु धाबी ग्रां प्री में विजेता बनने का श्रेय रोसबर्ग के मर्सिडीज टीम साथी लुईस हेमिल्टन के हिस्से में गया जिन्होंने सत्र की अपनी 10वीं जीत और लगातार चौथी जीत हासिल की लेकिन वह रोसबर्ग को चैंपियन बनने से नहीं रोक सके।
           
हेमिल्टन ने रेस के अंतिम कुछ लैप में जानबूझकर गति को धीमा करने की कोशिश की ताकि उनके और रोसबर्ग के बीच कुछ दूसरे रेसर आ सके, लेकिन रोसबर्ग ने दूसरा स्थान लेकर विश्व खिताब अपने नाम किया। रोसबर्ग इसके साथ ही अपने देश के महान रेसर माइकल शूमाकर और सेबेस्टियन बेटल के साथ तीसरे विश्व चैंपियन बन गए।
            
1982 के खिताब विजेता केके रोसबर्ग के बेटे निको रोसबर्ग के नाम एक और उपलब्धि भी आ गई  है। वह ब्रिटेन के डेमन हिल के बाद यह खिताब जीतने वाले किसी विश्व चैंपियन के दूसरे बेटे बन गए  हैं। रोसबर्ग 1982 से विश्व चैंपियन रहे फिनलैंड के केके रोसबर्ग के बेटे हैं। रोसबर्ग की मां जर्मनी की हैं। 
 
केके ने विलियम्स के लिए यह खिताब जीता था जबकि रोसबर्ग ने मर्सिडीज के लिए यह खिताब जीता। रोसबर्ग मोनाको में पले-बढ़े और वह अपनी पत्नी विवियन तथा बेटी एलिया के साथ मोनाको में ही रहते हैं। रोसबर्ग को पांच भाषाएं आती हैं लेकिन वह फिनलैंड की भाषा नहीं जानते।
             
दिलचस्प तथ्य है कि रोसबर्ग और उनके टीम साथी तीन बार के विश्व चैंपियन हेमिल्टन वर्ष 2000 में गो कार्ट में एक साथ रेसिंग किया करते थे। रोसबर्ग ने 17 साल की उम्र में विलियम्स के लिए टेस्ट दिया था। उन्होंने लंदन यूनिवर्सिटी के इंपीरियल कॉलेज में एरोनॉटिकल इंजीनियरिंग में पढ़ने का स्थान ठुकरा दिया था। 
             
रोसबर्ग ने फार्मूला वन रेस में अपना पदार्पण 2006 में बहरीन में विलियम्स के लिए  किया था, तब उन्हें सातवां स्थान हासिल हुआ था। उन्होंने वर्ष का समापन ओवरऑल 17वें स्थान के साथ किया था। अगले वर्ष वे ओवरऑल नौवें स्थान पर रहे। वर्ष 2008 में वे पहली बार एफ वन के पोडियम पर पहुंचे। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया में तीसरा स्थान हासिल किया और सत्र की समाप्ति पर 13वें स्थान पर रहे। 
             
2009 रोसबर्ग के लिए विलियम्स के साथ आखिरी साल था। इस वर्ष वे ओवरऑल सातवें स्थान पर रहे। रोसबर्ग ने 2010 सत्र में मर्सिडीज का दामन थामा, जिसमें उनके साथी सात बार के विश्व चैंपियन शूमाकर थे। उस सत्र में रोसबर्ग ने 142 अंक जुटाए, जबकि शूमाकर के हिस्से में 72 अंक आए। अगले दो सत्र में रोसबर्ग ने शूमाकर को पीछा छोड़ दिया। 
             
उन्होंने 2012 में अपनी पहली पोल पोजीशन हासिल की और चीन में रेस जीती। 2013 में हेमिल्टन ने शूमाकर की जगह ली और वह चौथे और रोसबर्ग छठे स्थान पर रहे। रोसबर्ग ने 2013 में मोनाको ग्रां प्री भी जीती। हेमिल्टन 2013, 2014 और 2015 में विश्व चैंपियन बने जबकि रोसबर्ग गत वर्ष दूसरे स्थान पर रहे, लेकिन इस बार उन्होंने हेमिल्टन से खिताब छीन लिया। 
 
हेमिल्टन ने 55 लैप की रेस एक घंटे 38 मिनट 04.013 सेकंड में जीती। रोसबर्ग उनसे 0.439 सेकंड पीछे रहे। फेरारी के सेबेस्टियन वेटल को तीसरा स्थान मिला। वेटल विजेता हेमिल्टन से 0.843 सेकंड पीछे रहे। 
          
रोसबर्ग ने 385 अंकों के साथ विश्व खिताब अपने नाम किया। हेमिल्टन के 380 अंक रहे। रेडबुल के ऑस्ट्रेलियाई ड्राइवर डेनियल रिकियार्डो 256 अंकों के साथ तीसरे नंबर पर रहे। मर्सिडीज ने कुल 765 अंकों के साथ टीम चैंपियनशिप जीती। रेडबुल (468) को दूसरा और फेरारी (398) को तीसरा स्थान मिला।
          
अबु धाबी ग्रां प्री में फार्मूला वन की एकमात्र भारतीय टीम फोर्स इंडिया के दोनों रेसरों ने अंक हासिल किए। फोर्स इंडिया के जर्मन ड्राइवर निको हल्केनबर्ग ने सातवें स्थान पर रहते हुए छह अंक और मैक्सिको के सर्जियो पैरेज ने आठवें स्थान पर रहते हुए चार अंक हासिल किए। 
          
पैरेज ने इस चार अंकों के साथ चैंपियनशिप में 100 अंकों का आंकड़ा पार कर लिया। वह 101 अंकों के साथ ओवरऑल सातवें स्थान पर रहे। हल्केनबर्ग को 72 अंकों के साथ ओवरऑल नौवां स्थान मिला। 
 
फोर्स इंडिया को 173 अंकों के साथ टीम चैंपियनशिप में चौथा स्थान मिला। अबु धाबी में जैनसन बटन ने अपनी आखिरी रेस की और उन्होंने फार्मूला वन से संन्यास ले लिया। जेनसन बटन 21 अंकों के साथ सत्र में ओवरऑल 15वें स्थान पर रहे। (वार्ता) 

वेबदुनिया पर पढ़ें