भारत की मेजबानी में ओलंपिक और फीफा विश्व कप देखना मेरा सपना : नीता अंबानी
गुरुवार, 10 अक्टूबर 2019 (00:35 IST)
लंदन। अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (IOC) की सदस्य नीता अंबानी (Nita Ambani) ने बुधवार को कहा कि भविष्य में ओलंपिक (olympic) और फीफा विश्व कप (FIFA World Cup) जैसे प्रमुख खेलों का आयोजन भारत में देखना उनका सपना है।
रिलायंस फाउंडेशन की अध्यक्ष नीता ने यहां 'लीडर्स वीक 2019' में 'इंस्पायरिंग ए बिलियन ड्रीम्स : द इंडिया अपॉर्चुनिटी' विषय पर अपने संबोधन में यह कहा। उन्होंने कहा, ऐसा कोई कारण नहीं है कि एक अरब 30 करोड़ लोगों की जनसंख्या वाला देश अंतरराष्ट्रीय मंच पर पदक विजेताओं में नहीं हो सकता है।
उन्होंने बताया कि मेरी यह उम्मीद और सपना है कि भारत को ओलंपिक और फीफा विश्व कप जैसे कुछ प्रतिष्ठित खेल प्रतियोगिताओं की मेजबानी मिले। नीता अंबानी ने कहा कि खेलों के साथ मेरा जुड़ाव उस उम्र में शुरू हुआ जब ज्यादातर खिलाड़ी रिटायर हो जाते हैं।
नीता ने कहा, मैं 44 साल की थी जब खेलों ने मेरी जिंदगी, मेरा नजरिया और मेरी दुनिया को देखने की सोच बदल दी। इस सबकी शुरुआत 2009 में क्रिकेट से और मुंबई इंडियंस (एमआई) के साथ हुई।
From bowling yorkers on practice pitches in Gujarat to being the no. 1 bowler in ODIs, Jasprit Bumrah's journey makes us proud. His story is a reminder that talent is everywhere and it just needs to be nurtured and given a stage to shine.#LeadersInSport#LeadersWeek#NitaAmbanipic.twitter.com/VVvwP4DYfd
यह आईपीएल यानी इंडियन प्रीमियर लीग का दूसरा सीजन था। हमारी टीम तालिका में सबसे नीचे थी। मेरे पास क्रिकेट की कोई समझ नहीं थी, लेकिन मैं दक्षिण अफ्रीका गई ताकि टीम को प्रोत्साहित किया जा सके।
उन्होंने बताया कि टीम के साथ उन कुछ शुरुआती मुलाकातों, क्रिकेट के महान खिलाड़ियों से खेल के बारे में छोटी-बड़ी चीजों को जानने से लेकर आज के दिन तक जब मुंबई इंडियंस 4 आईपीएल खिताबों के साथ भारत की सबसे मूल्यवान टीम है, मेरी यात्रा बेहद शानदार रही है। इस यात्रा के जरिए मैंने यह अनुभव किया है कि क्रिकेट वास्तव में भारत में एक धर्म की तरह है।
हालांकि ब्रिटिश लोगों ने हमें क्रिकेट दिया, लेकिन मैं गर्व के साथ यह कह सकती हूं कि टेस्ट क्रिकेट और वनडे मैचों में सबसे ज्यादा रन बनाने वाला शख्स एक भारतीय- सचिन तेंदुलकर है। मुझे यह कहते हुए गर्व है कि सचिन शुरुआत से ही मुंबई इंडियंस टीम के कैप्टन थे और उसके बाद से वह इस टीम के मेंटॉर हैं। मुंबई इंडियंस ने मुझे सिखाया कि खेल भेदभाव नहीं करता, खेल धर्म या जाति नहीं जानता, टैलेंट कहीं से भी आ सकता है और शिखर पर पहुंच सकता है।
मैं यहां आपके साथ एक युवा लड़के की कहानी साझा करना चाहूंगी जिसकी खोज मुंबई इंडियंस टीम ने भारत के एक छोटे से कस्बे से की। यह कहानी जसप्रीत बुमराह की है। आज बुमराह लाखों लड़कों और लड़कियों के लिए प्रेरणा हैं।
गुजरे 10 सालों में मुंबई इंडियंस ने हार्दिक पांड्या, क्रुणाल पांड्या समेत कई युवा टैलेंट्स की खोज की है। मैं एक दिन की कल्पना करती हूं, जब देश के सबसे सुदूर गांव का बच्चा भी सपना देख सके और उसे बड़ी हकीकत में तब्दील कर सके।